May 18, 2024

हरियाणा में पर्ची-खर्ची सिस्टम हुआ खत्म : मुख्यमंत्री

Faridabad/Alive News : हरियाणा में सुशासन लाने का जो संकल्प लिया था, वह आज पूर्ण रूप से साकार हो रहा है, क्योंकि सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों का लाभ समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंच रहा है। उन्होने कहा कि इस का सबसे बड़ा उदाहरण हरियाणा में सरकारी भर्तियों में पर्ची-खर्ची के सिस्टम को खत्म कर केवल मैरिट के आधार पर योग्य उम्मीदवारों को नौकरियां मिली हैं।

मनोहर लाल ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान गरीब परिवारों के बच्चे सरकारी नौकरी में आने का केवल सपना ही देख पाते थे। उस समय नौकरी में आने के लिए पर्ची-खर्ची के सिस्टम का सहारा लेना पड़ता था, इसलिए युवाओं के सपने हमेशा अधुरे रह गए। लेकिन हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही पर्ची-खर्ची के सिस्टम को समाप्त किया।

पारदर्शिता के जरिये बचाए 1200 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद सिस्टम में चल रहे भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए ई-गर्वनेंस पर बल दिया। ई-गर्वनेंस के माध्यम से सुशासन का रास्ता तय करने के लिए केवल विकासात्मक परियोजनाओं पर ही ध्यान केंद्रित नहीं किया बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के कई कार्य किए। राज्य सरकार ने हर विभाग की योजनाओं और सेवाओं को ऑनलाइन माध्यम से देना सुनिश्चित किया। आज केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं व सेवाओं के तहत लाभार्थियों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है। इससे न केवल सिस्टम में पारदर्शिता आई बल्कि बिचौलिये भी खत्म हो गए। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर राज्य सरकार ने 1200 करोड़ रुपये बचाये हैं।

परिवार पहचान पत्र साबित हो रहा मील का पत्थर
मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार अंत्योदय की भावना से कार्य कर रही है। इसलिए राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र नामक एक महत्वकांक्षी योजना चलाई है, जिसके तहत अति गरीब परिवारों की पहचान कर उनका आर्थिक उत्‍थान कर उन्हें मुख्यधारा में लाना है। आज सभी सरकारी योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को घर बैठे ही मिल रहा है, उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से वृद्धावस्था पेंशन को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है, तब से वृद्धजनों की आयु 60 वर्ष होने पर ऑनलाइन माध्यम से स्वतः ही उनकी पेंशन बन रही है। इसके अलावा, परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आय के आधार पर राशन कार्ड बनाने का कार्य भी चल रहा है। पिछले 3 माह में लगभग 80 हजार राशन कार्ड बनाए गए हैं।