May 5, 2024

प्रत्येक वर्ष 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस, खबर में पढ़िए..

Faridabad/Alive News: हर साल 1 मई को विश्र्व भर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हर साल मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से एक मई के दिन बनाया जाता है। जिसे लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे के नाम से जाना जाता है। मजदूर दिवस का दिन ना केवल श्रमिकों को सम्मान देने के साथ साथ ही मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है। जिससे कि मजदूरों समान अधिकार मिल सके।

1 मई 1886 को अमेरिका में आंदोलन की शुरूआत हुई थी। इस आंदोलन की शुरूआत अमेरिका के मजदारो ने सड़क पर धरना प्रदषण कर के की थी सभी मजदूर एकजुट होकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने लगे। मजदूरों से दिन के 15-15 घंटे काम कराया जाता था।

आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस की गोली लगने से बहुत मजदूरो की जान चली गई। वहीं 100 से अधिक श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस आंदोलन की तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में बैठक हुई। जिसमे यह तय हुआ कि हर मजदूर दिन के सिर्फ 8 घंटे काम करेंगे।

इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही हर साल 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। अमेरिका में श्रमिकों के आठ घंटे काम करने के निमय के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया।

भारत में 1 मई 1923 को चेन्नई से मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत हुई। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये फैसला किया गया। इस बैठक को कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला। जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। इसका नेतृत्व कर रहे थे वामपंथी।

1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्धेश्य मजदूरों और हर श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और मजदूरो पर हो रहेशोषण को रोकना है। इस दिन बहुत सारे संगठनों में कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दी जाती है।