Faridabad/Alive News: सेक्टर 8 स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल ने पूरी तरह से सक्रिय ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोबोट का उपयोग करके दुनिया का पहला क्रूशिएट-रिटेनिंग टोटल नी रिप्लेसमेंट (टीकेआर) सफलतापूर्वक किया है। अस्पताल के सेंटर फॉर रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के विभागाध्यक्ष और निदेशक डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने इस सर्जरी को पूरा करने के लिए विशेष रूप से विकसित सॉफ्टवेयर के साथ एक पूरी तरह से सक्रिय रोबोट सिस्टम–क्यूविस जॉइंट्स का इस्तेमाल किया।
उत्तर प्रदेश के हाथरस के सेवानिवृत्त ट्रेन चालक 63 वर्षीय रोगी जय नारायण पिछले 10 वर्षों से ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण दोनों घुटनों में दर्द और विकृति से पीड़ित थे। सर्जरी के कुछ घंटे बाद ही वह अपने आप चलने में सक्षम हो गए। सर्वोदय हेल्थकेयर के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा, “हम सभी को इस उपलब्धि पर बहुत गर्व है, जिसने फरीदाबाद को विश्व चिकित्सा मानचित्र पर रखा है और भारतीय डॉक्टरों की योग्यता को अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी के सामने साबित किया है।
डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी द्वारा यह सफल सर्जरी दुनिया में पहली बार हुई है जिसमें एक मरीज के पोस्टीरियर क्रूशिएट लिगामेंट (पीसीएल) को पूरी तरह से सक्रिय रोबोटिक-असिस्टेड टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी में सफलतापूर्वक बनाए रखा गया है। “टोटल नी रिप्लेसमेंट में एक या दोनों घुटने के लिगामेंट को संरक्षित करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह घुटने को एक प्राकृतिक एहसास देता है और जोड़ों को स्थिर करने में मदद करता है। मरीजों को ऑपरेशन किये गए उनके घुटने पूरी तरह से प्राकृतिक लगते हैं, जिससे वे भूल जाते हैं कि उन्होंने घुटना प्रत्यारोपण कराया हुआ है।
इस अवधारणा को ‘फॉरगॉटन नी’ कहा जाता है। टोटल नी ट्रांसप्लांट के लिए पारंपरिक रोबोटिक सर्जरी के साथ यह संभव नहीं है जो वर्तमान में रोगियों पर किया जाता है। “नी रिप्लेसमेंट के लिए रोबोट-असिस्टेड सर्जरी के पारंपरिक तरीके से बहुत अधिक फायदे हैं। इनमें इम्प्लांट पोजिशनिंग की बेहतर सटीकता और अलाइनमेंट, मानवीय त्रुटियों या सॉफ्ट-टिश्यू इंजुरी की बहुत कम संभावना, अधिक ऑपरेटिव सटीकता और सर्जरी के बाद कम दर्द, रोगी का शीघ्र पुनर्वास और चलना–फिरना शामिल है।