April 25, 2024

नए नियमों के तहत हरियाणा सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में निकाली सीधे भर्ती

Chandigarh/Alive News : हरियाणा सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीधे तौर पर कॉमन कॉडर नियम लागू नहीं कर पाने के बाद अब मेडिकल कॉलेजों में नयी भर्तियों में इस नियम को लागू कर दिया है। डायरेक्टोरेट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमईआर) हरियाणा की ओर से पहली बार किसी मेडिकल कॉलेज का नाम न देकर सीधे विभाग के नाम से 72 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती निकाली है। 

मिली जानकारी के अनुसार नए नियमों के तहत नए भर्ती होने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में भेजा जा सकेगा। हरियाणा में पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। रोहतक, करनाल, मेवात, खानपुर और फरीदाबाद में है। वहीं रोहतक, करनाल मेडिकल कॉलेजों में तो डॉक्टर्स आना चाहते हैं, लेकिन मेवात, खानपुर और फरीदाबाद मेडिकल कॉलेजों को डॉक्टर्स नहीं मिल रहे। 

72 खाली पदों के लिए मांगे आवेदन
कॉडर नियम लागू होने के बाद सरकार ने कुल 72 पदों के लिए आवेदन मांगे है। जिनमें से 37 सामान्य वर्ग के लिए, 28 अनुसूचित जाति के लिए, 2 बीसी ए के लिए, 1 इकोनॉमी बैकवर्ड के लिए और एक ईएएस और 1 दिव्यांग के लिए है। इनमें 13 सुपर स्पेशलिटी और 59 पद स्पेशलिटी के शामिल हैं। 

वहीं जनरल मेडिसिन के 9, जनरल सर्जरी 8, एनेस्थिसिया 6, माइक्रोबायोलाजी 5, कम्यूनिटी मेडिसन 4, गायनी, रेडियोलाजी, रेडियो डायग्नोसिस, बाल रोग के 3-3, एनाटमी, ओर्थोपेडिक्स, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलाजी, फोरेंसिक मेडिसन, रेस्पिरेटरी मेडिसन 2-2 और मनोवैज्ञानिक, पल्मोनरी और आंख विभाग के 1-1 पद के लिए आवेदन मांगा है।
 
वहीं सुपर स्पेशलिटी के लिए नेफ्रेलाजी और कार्डियोलाजी के लिए दो दो, पीडियाट्रिक्स सर्जरी, प्लास्टिक सर्जन, कार्डियक सर्जरी, न्यूरो सर्जन, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ओंकोलॉजी सर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी के 1-1 पद के लिए आवेदन मांगे गए है।
 
सरकार ने अप्रैल माह में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के लिए एक नई नीति बनाने को लेकर मीटिंग की थी। इसमें प्रदेश के 5 प्रमुख मेडिकल संस्थानों रोहतक पीजीआई, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल, खानपुर मेडिकल कॉलेज खानपुर, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और मेवात मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों ने शिरकत किया था। बैठक में सभी ने कॉमन कॉडर नियम लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। हालांकि बाद में सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों समेत तमाम कर्मचारियों ने इसका विरोध किया। सीएम मनोहर लाल ने भी इस मामले में अधिकारियों से बैठक की, लेकिन विरोध को देखते हुए इसे लंबित में ही छोड़ दिया था।