April 25, 2024

साइबर ठगी करने वाले गैंग के पांच आरोपी गिरफ्तार

Faridabad/AliveNews : साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत की टीम ने साइबर क्राइम गैंग का भंडाफोड़ करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। साइबर थाना की टीम ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में धर्मेंद्र, विकास उर्फ विकी, सचिन, मनीष तथा मैक्स उर्फ बिल्लू का नाम शामिल है। आरोपी विकास यूपी के मुजफ्फरनगर, आरोपी धर्मेंद्र दिल्ली के त्रिलोकपुरी तथा आरोपी सचिन, मनीष तथा बिल्लू गुरुग्राम के रहने वाले हैं।

आरोपी धर्मेंद्र तथा विकास साइबर क्राइम की वारदातों के मुख्य आरोपी हैं तथा आरोपी सचिन का बैंक खाता धोखाधड़ी की इन वारदातों में प्रयोग किया जाता था वहीं आरोपी मनीष तथा आरोपी बिल्लू आरोपी सचिन और धर्मेंद्र के बीच की कड़ी थी जो सचिन से बैंक एटीएम लेकर धर्मेंद्र तथा विकास को उपलब्ध करवाता था जो धोखाधड़ी से प्राप्त हुई रकम को निकलवा लेते थे। पीड़ित सत्य प्रकाश की शिकायत के आधार पर 26 दिसंबर 2021 को धोखाधड़ी तथा षड्यंत्र इत्यादि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई।

काफी दिनों की कड़ी मशक्कत तथा गुप्त सूत्रों व तकनीकी की सहायता से साइबर थाना की टीम ने इस मामले में शामिल आरोपी सचिन, मनीष तथा बिल्लू को दिनांक 20 अप्रैल 2022 को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें आरोपियों ने अपने साथी धर्मेंद्र तथा विकास के बारे में पुलिस को जानकारी दी। उक्त आरोपियों की जानकारी के आधार पर दिनांक 22 अप्रैल को आरोपी धर्मेंद्र तथा विकास को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपी धर्मेंद्र कंपनी से जानकारी चुराकर लाता था और इसी जानकारी के आधार पर आरोपी ने अपने साथी विकास के साथ मिलकर पॉलिसी धारकों से संपर्क करना शुरू कर दिया। आरोपी उन कस्टमर को अपना निशाना बनाते थे जिनकी पॉलिसी किस्त न भरने या अन्य किसी कारण से लेप्स हो चुकी होती थी। आरोपी पॉलिसी धारकों को कॉल करके उनकी लेप्स हुई पॉलिसी पर बजाज फाइनेंस कंपनी से लोन दिलवाने का लालच देते थे। जब पॉलिसी धारक अपनी लेप्स हुई पॉलिसी पर लोन लेने के लिए राजी हो जाता था तो वह उसे बैंक में नया खाता खुलवाने के लिए बोलते थे जिसमे लोन की रकम डालने का लालच दिया जाता थ और खाता खुलवाने के लिए पॉलिसी धारक का आधार, पेन कार्ड तथा अन्य जरूरी कागजात मंगवा लेते थे। इसके पश्चात आरोपी पॉलिसी होल्डर के कागजात के आधार पर बैंक में ऑनलाइन खाता खुलवाकर उसकी नेट बैंकिंग सर्विस एक्टिवेट करवा लेते थे तथा ग्राहक को अपने झांसे में लेकर ओटीपी की सहायता से नेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड तैयार करके अपने पास रख लिया जाता था।

पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया है। साइबर थाना की टीम द्वारा इस मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की गई है जो भविष्य में भी इसी प्रकार साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने में लगातार प्रयासरत रहेगी।