March 28, 2024

बीके अस्पताल की मोर्चरी से बदला शव, डॉक्टरों और जीआरपी पुलिस की लापरवाही आई सामने

Faridabad/Alive News : बी.के अस्पताल की मोर्चरी से डेड बॉडी बदलने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेने के लिए ना तो बीके अस्पताल के डॉक्टर तैयार तैयार है और ना ही जीआरपी पुलिस। उधर, अंतिम संस्कार के लिए शव ना मिलने से परिजनों का रों रोकर बुरा हाल है। मृतक के पिता साधू शाह ने बताया है कि सोनू की 10 जनवरी को ट्रैन दुर्घटना में मौत हो गयी थी। उनके पास इस बात की कोई जानकारी नही थी। जिसके बाद आज रेलवे पुलिस ने फ़ोन करके उन्हें बीके अस्पताल में शव की पहचान करने के लिए बुलाया। जब वह लोग परिवार सहित शव की पहचान करने बीके अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि सोनू का शव 10 जनवरी को ही सड़क दुर्घटना में हुई एक अन्य व्यक्ति के शव से बदल गया है और दूसरे पक्ष के लोग जो मृतक सोनू का शव लेकर गए है। उनकी पहचान राजस्थान निवासी के रूप में हुई है।

मृतक मूलरूप से बिहार के लखिसराय का रहने वाला था। बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी में परिवार के साथ रहता था। युवक की मौत रेल की चपेट में आने से हुई थी। उसके शव को पहचान और पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल में रखवाया गया था। मृतक की उम्र 27 वर्ष बताई जा रही है। इसके अलावा मृतक सोनू के दो बच्चे भी है। मृतक की पत्नी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मामले की शिकायत दी है। जीजा पंकज ने बताया कि सोनू इटोन गांव का था। यहां कबाड़ा इकट्ठा कर उसे दुकान पर बेचता था। उसके एक बेटा और एक बेटी है। 10 जनवरी को घर नहीं लौटा था। दो दिन के इंतजार के बाद परिजनों ने तलाश शुरू की और दुकान पर पहुंचे जहां सोनू कबाड़ा बेचता था।।

जिसके बाद परिजन बल्लभगढ़ जीआरपी थाने में पूछताछ के लिए पहुंचे। यहां उन्हें एक शव की फोटो दिखाई गई जो सोनू का ही था। पुलिसकर्मी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल में रखवाया गया है। बृहस्पतिवार सुबह परिजन शव लेने पहुंचे तो उन्हें चार से पांच शव दिखाए गए। उनमें सोनू का शव नहीं था। बार बार पूछने पर बताया गया कि शव बदल गया है। सोनू का शव राजस्थान निवासी दूसरे मृतक के परिजनों को सौंप दिया। उन लोगों ने भी शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है।