May 2, 2024

राजकीय कन्या विद्यालय में मनाया गया विश्व महासागर दिवस

Faridabad/Alive News : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनएच- 3 फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में विश्व महासागर दिवस पर वर्चुअल जागरूकता अभियान चलाया गया। जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि वर्चुअल जागरूकता अभियान में ब्रिगेड व जूनियर रेड क्रॉस के सदस्यों ने भागीदारी की।

उन्होंने कहा कि विश्व महासागर दिवस प्रति वर्ष आठ जून को मनाया जाता है। समुद्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1992 में की गई थी। इस में रियो डी जनेरियो में हुए पृथ्वी ग्रह नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस संबंध में मान्यता दिए जाने के बाद से यह दिवस मनाया जा रहा है। विश्व महासागर दिवस मनाने का प्रमुख कारण विश्व में महासागरों के महत्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है।

इसके अतिरिक्त महासागर से जुड़े बहुत सारे पहलुओं, खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग एवम दोहन, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि भूमि हमें विभाजित करती है जबकि महासागर सबको एकजुट करता है। इसका अर्थ है कि सभी क्षेत्र में सुरक्षा और विकास। रेडक्रॉस काउन्सलर प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा और विद्यालय की एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर प्रवक्ता डॉक्टर जसनीत कौर ने महक, तबिंदा, सुरुचि, शबनम और शिल्पा ने पोस्टर बना कर ई- जागरूकता का प्रचार कर महासागरों को गंदे न करने, वेस्ट डंप न करने और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सार्थक प्रयास करने का आह्वान किया।

मनचन्दा ने कहा कि महासागर हमारी पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी प्रमुख भूमिका अदा करते है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैव विविधता का भंडार है। हमारी पृथ्वी का लगभग दो तिहाई से अधिक भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग सत्तानवे प्रतिशत जल समाया हुआ है। महासागरों की विशालता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान लिया जाए तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप से प्रतीत होंगे। प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने महासागरों को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करने का आह्वान किया और कहा की हम सभी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाहन करके ऐसा कर पाने में सक्षम हैं।