April 30, 2024

बेहद जानलेवा है काली खांसी, अगर आप में है ये लक्षण तो हो जाए सावधान

Health/Alive News : दुनियाभर में एक बार फिर काली खांसी ने दस्तक दी है। चीन, फिलीपींस, नीदरलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई हिस्सों में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। काली खांसी, जिसे पर्टुसिस (Pertussis) या वूपिंग कफ भी कहा जाता है, एक तरह का इन्फेक्शन है, जिसका जल्दी पता लगाना मुश्किल होता है और यह घातक हो सकता है।

नेशनल डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन एडमिन्सट्रेशन के मुताबिक चीन में 2024 के पहले दो महीनों में इस संक्रमण के 32,380 मामलों सामने आ चुके हैं, जिसमें 13 मौतें भी शामिल हैं। इस संक्रमण का यह आंकड़ा बीते साल की तुलना में 20 गुना ज्यादा है। वहीं, फिलीपींस में अभी तक काली खांसी की वजह से 54 मौतें दर्ज की गईं। आइए जानते हैं यह बीमारी और इससे जुड़ी जरूरी बातें

क्या है काली खांसी
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, बेहद संक्रामक काली खांसी बैक्टीरियम बोर्डेटेला पर्टुसिस के कारण होता है, जो हमारे अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को लक्षित करता है, टॉक्सिन्स को छोड़ता है, जिससे एयरवेज में सूजन हो सकती है।

काली खांसी के लक्षण क्या है
काली खांसी के शुरुआती लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी की तरह दिखते हैं, जिसमें नाक बंद होना, हल्का बुखार और हल्की खांसी आम है। इस बीमारी का तब तक पता लगाना मुश्किल है, जब तक इसके गंभीर लक्षण सामने न आ जाए।

सीडीसी के अनुसार, काली खांसी के एक या दो हफ्ते के बाद लक्षण “बहुत तेज और अनियंत्रित खांसी के दौरे” में बदल सकते हैं। साथ ही इस दौरे के अंत में सांस लेने पर तेज “हूप” जैसी आवाज भी आ सकती है। खांसी के यह दौरे 10 हफ्ते तक चल सकते हैं।

किसे ज्यादा खतरा
बच्चों में काली खांसी के सबसे तीव्र लक्षण होने की संभावना ज्यादा होती है। इसमें बच्चे आमतौर पर खांसते नहीं हैं, लेकिन सांस लेना बंद कर सकते हैं। वहीं, किशोरों और वयस्कों में अक्सर हल्के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन परेशानी करने वाली खांसी के दौरे उन्हें रात में जगाए रख सकते हैं।

काली खांसी का इलाज क्या है
एक बार इस बीमारी का पता लग जाने पर खांसी शुरू होने से पहले, डॉक्टर आम तौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ संक्रमण का इलाज करते हैं। अगर किसी मरीज को तीन हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी हो रही है, तो एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत नहीं है, क्योंकि बैक्टीरिया संभवतः शरीर छोड़ चुका है और खांसी एयरवेज को हुए नुकसान का परिणाम है।

यह कैसे फैलता है
यह बेहद संक्रामक बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों के जरिए फैलता है। यह बैक्टीरिया गले में एयरवेज की परत से चिपक जाता है और टॉक्सिन्स प्रोड्यूस करता है, जो सिलिया (छोटे बाल जैसी संरचनाएं, जो एयरवेज से बलगम को साफ करने में मदद करती हैं) को नुकसान पहुंचाते हैं। नतीजतन, एयरवेज में सूजन आ जाती है, जिससे काली खांसी के लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें गंभीर खांसी, घरघराहट की आवाज और सांस लेने में कठिनाई शामिल है।