May 19, 2024

महिला विरुद्ध अपराध के संबंध में छात्र-छात्राओं को किया जागरूक

Faridabad/Alive News: जे एन इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल धीरज नगर में छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों, साइबर क्राइम व डायल 112 ऐप के साथ- साथ महिला विरुद्ध अपराध के संबंध में जागरूक किया है। जागरूकता प्रोग्राम में स्कूल संचालक अनिल नम्बरदार, प्रधानाचार्य राज रितेश राय, पूनम, मोहनी, बसी अचसी,कासीम व समस्त स्टाफ वा छात्र व छात्राओं ने भाग लिया है।

इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने कहा कि अपने बचाव में ही सबका बचाव है। रेड लाइट को कभी भी रेड सिग्नल पर पार नही करना चाहिए, ग्रीन होने पर ही रेड लाइट को पार करना चाहिए। इन सब सावधानी से सड़क दुर्घटना से बचने के लिए कई उपाय बताएं। अपने वाहन को हमेशा गति सीमा में ही ड्राइव करना चाहिए। अपनी लेन मे चलाएं तथा वाहन चलाते समय फोन का इस्तेमाल ना करे साथ ही वाहन में ऊंची आवाज में संगीत न बजाएं। गाड़ी चलाते समय स्वयं यातायात नियमों का पालन करे सावधानी बरतें और दूसरों का बचाव करें। गाड़ी के इंडिकेटर और रिफ्लेक्टर टेप का प्रयोग करे। दुपहिया वाहन चालक हेलमेट का अवश्य प्रयोग करे। गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल अवश्य करें। अगर आपके सामने कोई दुर्घटना होती है तो डायल 112 पर तुरंत  सूचना दे।

साथ ही छात्र-छात्राओं को महिला विरुद्ध अपराध के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि भारतीय समाज के पुरुष प्रधान होने की वजह से महिलाओं को बहुत अत्याचारों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि महिला विरुद्ध अपराध का अर्थ है कि किसी महिला को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना। लड़कियों से छेड़छाड़, पत्नी को भ्रूण हत्या के लिए मजबूर करना आदि सामाजिक हिंसा के अंतर्गत आती है। यह सभी घटनाएं महिलाओं और समाज के बड़े हिस्से को प्रभावित करती हैं। आप सभी छात्रों को इस प्रकार के महिला विरुद्ध अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होना होगा।

इस के अलावा पुलिस टीम ने छात्रों को साइबर अपराध से बचने के लिए अपना बैंक खाता, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की कोई जानकारी किसी के साथ साझा न करने की हिदायत दी। साइबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है जिस पर संपर्क करके साइबर अपराध की शिकायत की जा सकती है।

डायल 112 प्रोजेक्ट के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि कैसे डायल 112 प्रोजेक्ट काम करता है। जैसे ही डायल 112 की कॉल पुलिस तक पहुंचती है। पुलिस की गाड़ी 10 से 12 मिनट के अंदर शिकायतकर्ता के पास पहुंचती है और शिकायतकर्ता की समस्या का निवारण करती है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना या घटना में घायल हुआ है। उसके प्राथमिक उपचार के लिए गाड़ी में फर्स्ट एड किट भी उपलब्ध होती है जिसे तुरंत उपचार देकर घायल को अस्पताल पहुंचाया जाता है।