May 4, 2024

हरियाणा: कोरोना के बाद 13 दिसंबर से पहली बार ऑफलाइन मूल्यांकन परीक्षाएं देंगे विद्यार्थी

Chandigarh/Alive News: कोरोना के बाद पहली बार हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 25 लाख विद्यार्थी ऑफलाइन मूल्यांकन परीक्षा देंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थियों की यह परीक्षा संयुक्त रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया है। ये परीक्षाएं 13 दिसंबर से शुरू होंगी।

शिक्षा विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार डीईओ, डीईईओ को शिक्षा निदेशालय सीलबंद लिफाफे में प्रश्न-उत्तर पुस्तिकाओं को भेजेगा। वे इन्हें छपवाकर स्कूलों को भिजवाएंगे। निदेशक सेकेंडरी शिक्षा ने सभी डीईओ, डीईईओ को मूल्यांकन परीक्षा का सफल आयोजन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। भाषाई प्रश्नों को छोड़कर प्रश्न पत्र अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में होंगे।

प्रश्न पत्रों की छपवाई के लिए प्रति जिला पांच लाख रुपये की राशि जारी की जाएगी। स्कूल मुखिया को सीलबंद लिफाफे में ही प्रश्न-उत्तर पुस्तिका लेनी होगी। इसे वे अपनी अलमारी में सुरक्षित रखेंगे और परीक्षा शुरू होने से दस मिनट पहले ही बच्चों को मुहैया कराएंगे। प्रश्न-उत्तर पुस्तिका की छपवाई करने वाली फर्म को गुणवत्ता व गोपनीयता का प्रमाण पत्र डीईओ, डीईईओ को देना होगा।

छपवाई से पहले अधिकारी स्कूल वार बच्चों की संख्या की उपयुक्त जानकारी रखें और एमआईएस से डाटा का मिलान अवश्य करें। ताजा विद्यार्थी संख्या स्कूलों से मंगवा ली जाए। साथ ही स्कूलों में हर विषय के पेपर की तीन-चार प्रतियां अधिक भेजें। आरोही मॉडल, अंग्रेजी माध्यम और संस्कृति मॉडल स्कूलों के अलावा अन्य सभी विद्यार्थियों को मद्देनजर रखते हुए अंग्रेजी व हिंदी की प्रश्न-उत्तर पुस्तिकाओं की सही संख्या मुद्रक-प्रकाशक को देना होगा।

जानकारी के मुताबिक शिक्षा निदेशक ने सभी स्कूल प्रभारियों और विषय शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे विद्यार्थियों को डेटशीट कॉपी में नोट करवाएं। इस पर उन्हें अभिभावकों से हस्ताक्षर करवाकर लाने होंगे। परीक्षा में सभी विद्यार्थियों का हिस्सा लेना अनिवार्य है। स्कूल इसमें कोई कोताही न बरतें।

परीक्षा के दिन ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर परिणाम को शिक्षक-अभिभावक बैठक में अवश्य प्रस्तुत किया जाए। वैकल्पिक विषयों के प्रश्न पत्र स्कूल मुखिया को अपने स्तर पर तैयार करवाने होंगे। शिक्षा निदेशालय की डेटशीट मॉडल संस्कृति स्कूलों के दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों पर ही लागू होगी।