May 4, 2024

नियम 134ए के तहत नि:शुल्क दाखिले के लिए प्रदेश भर में बच्चों ने दी परीक्षा

Faridabad/Alive News : हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा नियम 134-ए के तहत हरियाणा प्रदेश के गरीब परिवार के होनहार बच्चो के लिए प्रदेश के निजी स्कूलों में नि:शुल्क दाखिले हेतु परीक्षाएं आयोजित की गईं थी, जिसमे जिला रेवाड़ी के प्रत्येक सेंटर पर अधिवक्ता कैलाश चंद पहुंचे और उन्होंने काफी बच्चो के रोल नंबर और उनके एग्जाम सेंटर खोजने में काफी बच्चों की मदद की। कैलाश चंद एड्वोकेट ने आमजन की सहायता करते हुए बताया कि इस बार भी प्रदेश के हजारों बच्चे  टेस्ट देने आए हुए हैं।  

इस वर्ष 134 ए के आवेदन देरी से शुरू हुए है, जिस कारण बहुत कम संख्या में आवेदन हुए और जानकारी के अभाव में काफी आवेदन निरस्त हो गए। क्योंकि आवेदन करते समय लोगों ने सोचा कि ये फॉर्म अगले वर्ष के लिये है, इसलिय उन्होंने आवेदन में बच्चे की आने वाली अगली कक्षा के लिये आवेदन कर दिए, जिस कारण वे बच्चे एग्जाम तो दे देंगे। परन्तु जब दाखिले के लिए बच्चे स्कूलो में जाएंगे तो उनके दाखिले अगली कक्षा में होना सम्भव ही नही होगा, क्योंकि दाखिले के समय जब SLC की मांग की जाएगी तो उस समय बच्चों के पास पिछली कक्षा की एसएलसी होगी। ऐसी स्थिति में तब स्कूल दाखिले के लिए मना कर देगा।

अधिवक्ता ने बताया कि एग्जाम में बच्चो को 55 प्रतिशत नम्बर लेने अनिवार्य है। इससे कम नम्बर वाले बच्चो को 134ए में जगह नही दी जाएगी, इससे ऊपर नम्बर लेने वालों में जो बच्चा ज्यादा नम्बर लेकर आएगा उसको सबसे पहले उसके अनुसार भरे स्कूल में नाम अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अधिवक्ता ने यह भी बताया कि यहां एग्जाम में बच्चे के पास होने और सरकार द्वारा स्कूल अलॉट होने के उपरांत जब बच्चे अलॉट स्कूल में दाखिले के लिये जाएंगे तो निजी स्कूलो द्वारा दाखिलों के लिये परेशान किया जाता है, या अमान्य मदो में फीस लेने के बाद दाखिला दिया जाने की शर्त रखी जाती है, जैसे स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर क्लास, आई कार्ड चार्ज, डायरी चार्ज, दाखिला फीस, या अन्य प्रकार से बच्चो ओर अभिभावको को परेशानियो का सामना करना पड़ता है । उसके लिये कोई भी पीड़ित अभिभावक या बच्चा कोर्ट रेवाड़ी में आकर उनसे नि:शुल्क सहायता प्राप्त कर सकता हैं।

जानकारी का रहा अभाव
सेंटरो के बारे में जानकारी का आभाव रहा। सरकार को एग्जाम सेन्टर के बारे में आवेदनकर्ता को मोबाइल पर sms करके उसके सेंटर के बारे में जानकारी देनी चाहिए थी। एग्जाम सिलेबस के बारे में जानकारी नहीं थी। सरकार को sms द्वारा सूचित करना था कि आवेदनकर्ता द्वारा पास की गई कक्षा के सिलेबस से ही पेपर आने है। इसके अलावा सरकार को एग्जाम सेंटरो पर सुबह 9 बजे ही रोल नम्बर लिस्ट बाहर लगाना चाहिए था, जिससे रोल नम्बर तलाश करने में आमजन को परेशान न हो।

कैलाश चंद एड्वोकेट ने कहा कि गरीब परिवारों की निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा के लिये वे काफी समय से संघर्ष करते आ रहे हैं। अगर किसी भी बच्चे को 134ए की शिक्षा में भेदभाव या अन्य किसी प्रकार से स्कूलो द्वारा परेशान किया जायेगा तो ऐसे पीड़ित लोगों की सहायता हेतु वे हमेशा आगे खड़े हैं। अभिभावकों की नि:शुल्क सहायता हेतु उन्होंने अपने मोबाइल नम्बर 9817081972 भी जारी किया है।