April 20, 2024

मिड-डे मील के तहत स्कूलों में नही मिल रहा भोजन, भूखे पेट लौट रहे विद्यार्थी

Chandigarh/Alive News : कोरोना के बाद शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों के 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मिड-डे मील के तहत स्कूल में खाना देने का ऐलान किया था। लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ ओर ही है। पिछले दो माह से व्यवस्था बेपटरी हो गई है। इन दिनों दो के बाद तीसरी रोटी मांगने पर विद्यार्थियों को डांट मिलती है। यह मामला हरियाणा के सिरसा जिले का बताया जा रहा है। जहां स्कूलों को रसोई संचालन, मिर्च मसाले, खाना बनाने के लिए गैस सिलिंडर, सब्जी के लिए मिलने वाला बजट रुक गया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले में 724 राजकीय विद्यालयों में शिक्षा विभाग की ओर से मिड-डे मील की व्यवस्था की गई है। इनमें करीब एक लाख विद्यार्थियों के लिए खाना तैयार किया जाता है। नियम है कि गेहूं और चावल का स्टॉक विभाग की ओर से भेजा जाएगा, जबकि खाना तैयार करने के लिए गैस सिलिंडर की लागत, मिर्च मसाले, सब्जी और अन्य खर्चों के लिए विभाग बजट देता है। फ्लेवर्ड दूध का स्टॉक भी विभाग ही उपलब्ध करवाएगा। हालांकि स्कूलों को गेहूं और चावल का स्टॉक मिल चुका है, लेकिन पिछले दो माह से अन्य सभी बजट पर रोक लगी है।

निदेशालय की ओर से मिड डे मील के लिए नए आदेश आए थे। इनके अनुसार अब गेहूं, चावल के अलावा अन्य सभी प्रकार का राशन, मसाले, मौसमी सब्जियां, खीर के लिए दूध, गैस सिलिंडर की खरीद किसी विक्रेता के जरिये की जाएगी। विभाग स्कूल के खातों में कोई राशि देने की बजाय सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली से ही सीधे विक्रेता के खाते में भुगतान करेगा।