May 8, 2024

नशा छुड़वाने के लिए चिकित्सक कर रहे हैं कॉउंसलिंग

Faridabad/Alive News: जिला में धूम्रपान निषेध अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने और सिगरेट की खुली बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कोटपा के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। डीसी ने कहा कि सिगरेट एवं अदर तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट 2003 के तहत जुर्माना लागाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर और कोपटा के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।

सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार ‘धूमपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम, फोन नंबर लिखा होना जरूरी है। सार्वजनिक स्थान पर ऐश-ट्रे, लाईटर, माचिस इत्यादि धूमपान के प्रमाण पाए जाने पर तंबाकू उत्पादों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से उल्लंघन करने पर दो वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है।

यह उलघंन करने पर 5 वर्ष के कारावास का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि तंबाकू कपनियों से प्रायोजन लेना भी शामिल है। कोपटा की हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये की धनराशि तक का जुर्माना और तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक धनराशि का प्रावधान किया गया है। शैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना, उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना जिस पर अधिनियम निर्माता हेतु दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो।

इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ अधिनियम या 5000 रुपए तक जुर्माना अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी या दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना खुली सिग्रेट, बोड़ी अथवा अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने पर विक्रेता को दण्ड प्रथम बार 1 वर्ष तक की कैद तथा 1000 रुपये तक जुर्माना शामिल है।

डॉ. नरिन्दर कौर ने आगे बताया कि कि जिला फरीदाबाद के लिए तंबाकू निषेध केंद्र का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता ने गत 14 फरवरी 2022 को पीएमओ नागरिक बीके अस्पताल डॉ सविता यादव की उपस्थिति में किया था। यह केंद्र में जो लोग इस नशे की आदत को छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत मदद करेगा।

उन्होंने सभी अधिकारियों प्रभारी से अनुरोध है कि जरूरतमंदों विशेषकर जो युवा हैं और धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक हैं उन्हें टीसीसी को भेजें। यहां एक ही छत के नीचे मानसिक और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। यह जिला को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में एक छलांग है और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है।