April 28, 2024

कैंसर एक गंभीर बीमारी, पढ़िए खबर

Health/Alive News: कैंसर शरीर में होने वाली एक असामान्य और खतरनाक स्थिति है। कैंसर तब होता है, जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं। हमारा शरीर खरबों कोशिकाओं से बना है। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं। कोशिकाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती या क्षतिग्रस्त होती है, ये कोशिकाएं मर भी जाती हैं। इनकी जगह नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। जब किसी को कैंसर होता है, तो कोशिकाएं इस तरह से अपना काम करना बंद कर देती हैं। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मरने की बजाय जीवित रह जाती हैं और जरूरत नहीं होने के बावजूद भी नई कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। ये ही अतिरिक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूमर होता है। अधिकतर कैंसर ट्यूमर्स होते हैं, लेकिन ब्लड कैंसर में ट्यूमर नहीं होता है। हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। आमतौर यह आस-पास के ऊतकों में फैलता है। असामान्य और क्षतिग्रस्त कैंसर कोशिकाएं शरीर के दूसरे भागों में पहुंचकर नए घातक व मैलिग्नेंट ट्यूमर बनाने लगती हैं।

कैंसर के लक्षण

बिना कोई कारण नजर आए यदि आपका वजन तेजी से कम होने लगे, तो यह कैंसर के पहले संकेतों में से एक हो सकता है। अग्न्याशय, पेट या फेफड़ों में होने वाले कैंसर से पीड़ित लोगों में वजन कम होने की समस्या होती है। अन्य प्रकार के कैंसर से पीड़ित लोगों में भी वजन कम हो सकता है।

सारा दिन थकान महसूस होना भी कैंसर के महत्वपूर्ण लक्षणों में शामिल है। ल्यूकेमिया, कोलन कैंसर होने पर थकान अधिक महसूस होती है। त्वचा में किसी भी तरह की गांठ या लम्प नजर आए, तो संभवत: यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। स्तन कैंसर, लिम्फ नोड्स, सॉफ्ट ऊतक और अंडकोष में होने वाले कैंसर में आमतौर पर गांठ होते हैं।

यदि आपकी त्वचा का रंग बदलकर पीला, काला या लाल हो गया है, तो ये कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके साथ ही शरीर के किसी भी हिस्से पर हुए मोल्स या मस्से के रंग और आकार में बदलाव नजर आए, तो इसे नजरअंदाज ना करें। इस बात पर भी गौर करें कि कोई भी घाव ठीक होने में अधिक समय तो नहीं ले रहा है।

तीव्र दर्द आमतौर पर हड्डी या वृषण कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है, जबकि पीठ दर्द कोलोरेक्टल, अग्नाशय या डिम्बग्रंथि के कैंसर के संकेत होते हैं। जिन लोगों को मैलिग्नेंट ब्रेन ट्यूमर होता है, उनमें तेज सिरदर्द होने की शिकायत रहती है।

कब्ज, दस्त, मल में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर के संकेत हो सकते हैं। पेशाब करते समय दर्द के साथ खून आना ब्लैडर और प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। तीन से चार सप्ताह तक ग्रंथियों में सूजन बने रहना ठीक नहीं। लिम्फ नोड्स के आकार में वृद्धि भी कैंसर का संकेत होती है। एनीमिया होने पर लाल रक्त कोशिका में भारी कमी आ जाती है। यह हेमटोलॉजिकल कैंसर का संकेत हो सकता है।

कैंसर का इलाज

डॉक्टर सर्जरी के जरिए कैंसर के ट्यूमर, ऊतकों, लिम्फ नोड्स या किसी अन्य कैंसर प्रभावित क्षेत्र को हटाने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी डॉक्टर बीमारी की गंभीरता का पता लगाने के लिए भी सर्जरी करते हैं। यदि कैंसर शरीर के दूसरे अंगों में नहीं फैला है, तो सर्जरी इलाज का सबसे अच्छा विकल्प है।

कीमोथेरेपी को कई चरणों में किया जाता है। इस प्रक्रिया में ड्रग्स के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म की जाती है। हालांकि, उपचार का यह तरीका किसी-किसी के लिए काफी कष्टदायक होता है। इसके कई साइड एफेक्ट्स भी नजर आते हैं, जिसमें बालों का झड़ना मुख्य रूप से शामिल है। दवाओं को खाने के साथ ही नसो में इंजेक्शन के जरिए भी पहुंचाया जाता है।

रेडिएशन कैंसर कोशिकाओं पर सीधा असर करता है और उन्हें दोबारा बढ़ने से रोकता है। इस प्रक्रिया में, उच्च ऊर्जा कणों या तरंगों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने की कोशिश की जाती है। कुछ लोगों को इलाज में सिर्फ रेडिएशन थेरेपी तो किसी-किसी को रेडिएशन थेरेपी के साथ सर्जरी और कीमोथेरेपी भी दी जाती है।