May 19, 2024

कैग की टीम ने नगर निगम के विकास कार्यों और ठेकेदारों के भुगतान का शुरू किया ऑडिट

Faridabad/Alive News: नगर निगम में अब सभी कामों का ऑडिट शुरू हो गया है। राज्य सरकार के आग्रह पर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) ने ऑडिट शुरू कर दिया है। शहर में होने वाले विकास कार्यों और ठेकेदारों के भुगतान समेत विभिन्न मामलों में गड़बड़ी ऑडिट के बाद सामने आ सकती हैं।

दरअसल, जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दो अधिकारियों की टीम नगर निगम मुख्यालय पहुंची और विभिन्न विकास कार्यों की डिटेल मांगी। टीम ने निगम अधिकारियों से खोरी कॉलोनी में बनी सड़कें, बिजली-पानी की सुविधा के बारे में भी जानकारी ली। टीम ने अधिकारियों से पूछा कि क्या नगर निगम वहां ये सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। प्रारंभिक ऑडिट में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं।

नगर निगम सूत्रों की मानें तो प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने ऑडिट कराने का आग्रह किया है। क्योंकि नगर निगम फरीदाबाद किसी न किसी भ्रष्टाचार के आरोप में हमेशा चर्चा में बना रहता है। निगम सदन की बैठक से लेकर विधानसभा तक गड़बड़ियों के मुद्दे उठते रहते हैं। इससे राज्य सरकार को भी जवाब देने पड़ते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार सरकार को सबसे अधिक शिकायतें गुड़गांव और फरीदाबाद से मिल रही हैं। ऐसे में मंत्री ने दोनों जिलों गुड़गांव और फरीदाबाद नगर निगम में स्पेशल ऑडिट कराने का आग्रह किया। इसमें फरीदाबाद प्राथमिकता को दी गयी है। निगम सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को कैग की टीम एनआईटी जोन के ज्वांइट कमिश्नर प्रशांत अटकान से मुलाकात कर उनसे खोरी कालोनी के बारे में भी चर्चा की।

निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैग की टीम ने अकाउंट और इंजीनियरिंग ब्रांच की सभी फाइलों को मंगवा कर उनका ऑडिट शुरू कर दिया है। इस दौरान टीम के सामने एक बात सामने आई कि अधिकारियों ने बजट का अभाव होने के बाद भी कार्यों को मंजूरी दी है। यह नियमानुसार गलत है। टीम का मानना है कि नियम के पास फंड की उपलब्धता के आधार पर ही मंजूरी देनी चाहिए।

ऑडिट में यह बात भी सामने आई है कि कई काम ऐसे भी मिले हैं जिसमें मंजूरी मिलने और वर्क अलॉट होने के बाद भी ठेकेदार ने साल तक काम शुरू नहीं किया। कैग की टीम विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों के नाम पर हुए 200 करोड़ की गड़बड़ी का भी ऑडिट कर सकती है। ठेकेदारों को किस प्रकार पेमेंट का भुगतान किया गया। उसकी भी जांच हो सकती है। ऑडिट होने के बाद कई गड़बड़ियां सामने आएंगी।