April 18, 2024

मुख्तार के भाई के सपा ज्वाइन करते ही BJP हमलावर, कहा- गुंडों से गलबहियां

Lucknow/Alive News : भारतीय जनता पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई और पूर्व विधायक सिबगतुल्ला अंसारी के समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने को मुद्दा बनाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘सत्ता पाने के लिए कुछ भी करेगा’ की तर्ज पर अखिलेश चल रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सोमवार को ट्वीट किया गया, ”सत्ता पाने के लिए कुछ भी करेगा की तर्ज पर चल रहे अखिलेश।”

इसी ट्वीट में आगे कहा गया है कि माफिया मुख्तार के परिवार को सपा में शामिल कर आखिर कौन से समाजवाद की बात कर रहे हैं, जनता सब देख रही है। गुंडों से गलबहियां एक बार फ‍िर भारी पड़ने वाली है।

इसी ट्वीट में भाजपा ने एक वीडियो भी संलग्न किया है जिससे बाहुबली मुख्तार अंसारी को समाजवादी पार्टी की सरकार में संरक्षण मिलने के आरोप लगाए गए हैं। एक अन्य ट्वीट में भाजपा ने कहा कि ”किसानों को मजबूत बना रही भाजपा सरकार। सही समय पर फसल की खरीद व भुगतान से स्वावलंबी बन रहा किसान। जीतेगा विकास, जीतेगा यूपी।”

उल्लेखनीय है कि पिछले शनिवार को गाजीपुर जिले की मोहम्‍मदाबाद विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके सिबगतुल्ला अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर यहां सपा मुख्यालय में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। अंसारी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई और खुशी जाहिर की। यादव ने पूर्व विधायक सिबगतुल्ला अंसारी और उनके समर्थकों को पार्टी की सदस्यता दिलाने के बाद कहा कि उनके आने से सपा की ताकत और बढ़ेगी। इससे यह संदेश जाएगा कि आने वाले समय में बहुमत की सरकार सपा बनाएगी।

शनिवार को ही भाजपा ने ट्वीट किया, ”यही है सपा का असली चेहरा। किसी तरह सत्ता हाथ में आ जाए भले ही माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार से हाथ मिलाना पड़े, लेकिन उन्हें ये भूलना नहीं चाहिए कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन हैं।”

इसी ट्वीट में भाजपा ने एक पोस्टर लगाया है जिसमें कहा गया कि ”समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ माफिया मुख्तार का बड़ा भाई। अखिलेश के हाथों मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्ला ने ली सपा की सदस्‍यता।” सिबगतुल्ला अंसारी 2007 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर जिले की मोहम्‍मदाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने वर्ष 2012 में अपने भाइयों की पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की लेकिन 2017 में वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर हार गये थे।