New Delhi/Alive News : भारत में हर साल 24 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस के रुप में मनाया जाता है। देश की बेटियों की आज लगभग हर क्षेत्र में हिस्सेदारी है लेकिन एक दौर ऐसा था, जब लोग बेटियों को कोख में ही मार देते थे। बेटियों का जन्म अगर हो भी गया तो उन्हें बाल विवाह की आग में धकेल दिया जाता था। बेटियों और बेटों में भेदभाव, उनके साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ देश की आजादी के बाद से ही भारत सरकार प्रयासरत हो गई थी।
बेटियों को देश में प्रथम पायदान पर लाने के लिए कई योजनाएं और कानून बनाए गए। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई। देश की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाने वाले इस खास दिन को 24 जनवरी को मनाने की भी खास वजह है। यह वजह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। बेटियों को देश में प्रथम पायदान पर लाने के लिए महिला बाल विकास मंत्रालय ने पहली बार साल 24 जनवरी 2009 को देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व
यह दिन मनाने की वजह देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। समाज में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में देश की बेटियों के साथ ही सभी लोगों को जागरूक करना है। इस दिन हर साल राज्य सरकारें अपने अपने प्रदेश में जागरूक कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 की थीम
हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम अलग होती है। बालिका दिवस साल 2021 की थीम ‘डिजिटल पीढ़ी, हमारी पीढ़ी’ थी। साल 2020 में बालिका दिवस की थीम ‘मेरी आवाज, हमारा समान भविष्य’ था। साल 2022 में बालिका दिवस की थीम की घोषणा फिलहाल नहीं हुई है।