Faridabad/Alive News: राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में विश्व हास्य दिवस पर एक विशेष वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि विश्व हास्य दिवस को अस्तित्व में लाने का श्रेय योग आंदोलन के संस्थापक डॉक्टर मदन कटारिया को जाता है। 11 जनवरी 1998 को उन्होंने पहली बार विश्व हास्य दिवस मनाया था। इसके पीछे उनका उद्देश्य समाज के बढ़ते तनाव को कम करके उन्हें सुखी जीवन जीने की सीख देना था।
सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि कोरोना काल में लोगों के चेहरों से हंसी कहीं गायब सी हो गई है। चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं। तनाव मानव जीवन का अभिन्न अंग जरूर है। लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण है कि हम रिएक्ट कैसे करते हैं। नकारात्मक ऊर्जा मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालती है, इसलिए सकारात्मक रहें। सकारात्मक रहेंगे तो इम्यूनिटी भी बेहतर रहेगी। कोरोना से बचाव को इम्यूनिटी अच्छी होना बहुत जरूरी है।
मनचंदा ने कहा कि तनाव होने पर शरीर को आक्सीजन की अधिक जरूरत पड़ती है, जिससे फेफड़ों पर अधिक जोर पड़ता है। मेडिकल साइंस कहती है कि हंसने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। इससे हम कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं, जिससे हमारा इम्यून सिस्टम बेहतर बना रहेगा। इम्यून सिस्टम मजबूत रहेगा तो हम कम बीमार पड़ेंगे। रविंद्र कुमार मनचंदा ने आगे बताया कि जब हम हंसते हैं या लाफ्टर थेरेपी लेते हैं तो मस्तिष्क में बदलाव आता है। एंडोर्फिन हार्मोन सक्रिय होकर हमें तनाव से मुक्त कर आनंद की अनुभूति कराता है।
अच्छी इम्यूनिटी के लिए तनावमुक्त रहना जरूरी है। लाफ्टर थेरेपी अकेले या फिर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ग्रुप में करने से तनाव मुक्त होने में मदद कर सकती है जब हम हंसते हैं तो ब्रीथिंग एक्सरसाइज होती है। यह फेफड़ों के लिए लाभदायक है। कोरोना वायरस संक्रमण काल में अवसाद में घिरे हुए लोगों की चिंता और निराशा को लाफ्टर थेरेपी से बहुत सहायता मिलती है। मेडिकल साइंस भी इस बात की पुष्टि करती है। इससे हम कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं। उन्होंने कहा हमारे जीवन में कई तरह के तनाव होते हैं, जिसकी वजह से हम परेशान रहते है। परंतु हमें अपनी जिंदगी में जरूर खुश रहना चाहिए और हंसना चाहिए।
हम इस बात को नहीं जानते हैं कि बात करते समय हम जितनी ऑक्सीजन लेते हैं, उससे छह गुना ज्यादा ऑक्सीजन हम हंसते समय लेते हैं।हंसना हमारे शरीर के लिए इसलिए भी जरूरी होता है, क्योंकि इससे हमारे शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है। वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि हंसने से खून बढ़ता है। इसलिए व्यक्ति को हंसते रहना चाहिए। आज वर्चुअल कार्यक्रम में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, प्राध्यापिका जसनीत कौर और छात्रा श्वेता, नेहा, हर्षिता, निशा, स्नेहा, अंकिता, जिया, अंजुम, प्रिया, खुशी, आरती और भूमिका ने विश्व हास्य दिवस पर पेटिंग और स्लोगन लिख कर सभी को खूब हंसने और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया।