April 24, 2024

फरियादी महिला पड़ी बीमार, सुनवाई के लिए पहुंचा पति तो उपमुख्यमंत्री ने पढ़ा दिया कानून और अधिकारों का पाठ

Faridabad/Alive News : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को फरीदाबाद के बड़खल स्थित एक होटल में कार्यकारणी की बैठक लेने दोपहर ढाई बजे पहुंचे। लेकिन इस दौरान उपमुख्यमंत्री के स्वागत में खड़े लोगों ने जमकर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई। यहीं नहीं बीते शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ने ग्रीवेंस मीटिंग के दौरान एक फरियादी की फरियाद सुनने से मात्र इसलिए मना कर दिया। क्योंकि पत्नी फरियादी थी और वह परिवाद कमेटी की मीटिंग में बीमार होने के कारण नहीं पहुंच पाई थी। उनकी जगह पर उनका पति पहुंचा था।

इन सब में सबसे दिलचस्प बात तो यह रही कि ग्रीवेंस मीटिंग में तो फरियादी की फरियाद सुनने की बजाए उपमुख्यमंत्री ने कानून और अधिकारों का पाठ लोगों को पढ़ा दिया। लेकिन उस समय उपमुख्यमंत्री का यह कानून और अधिकारों वाला पाठ कहां था जब कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के बड़े भाई टिप्परचंद शर्मा जिनका हरियाणा मंत्रिमंडल में कोई पद ना होने के बाद भी वह कुछ महीनों पहले अधिकारियों की मीटिंग लेते नजर आए थे और अखबारों की सुर्खियां बने थे। जबकि यह मीटिंग कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को लेनी थी।

वहीं अगर बात करे फरीदाबाद के ग्राम पंचायतों की तो पंचायतों की महिला पंचों के होते हुए भी उनके पति या पिता पंच के सभी कार्य करते हुए दिखाई देते थे। इसके अलावा निकायों में चुनी गई महिला पार्षदों के पति, पिता और ससुर भी पार्षद के कार्य करते नजर आ रहे है। आलम यह है कि फरीदाबाद में पार्षद हो या नेता जमकर सत्ता का लाभ ले रहे है। ऐसे में अब हरियाणा के उपमुख्यमंत्री पर सवाल उठा है कि उन्होंने जिस अधिकार और कानून का हवाला देते हुए ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में फरियादी पति की शिकायत को सुनने से इनकार किया।

वहीं दूसरी ओर उसी अधिकार और कानून का कई निकायों के पंच सरपंच और कैबिनेट मंत्री के भाई तक ने उसका उल्लंघन किया है। तब उस समय कानून और अधिकारों का पाठ पढ़ाने वाले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कहां सोए हुए थे। ऐसे में एक सवाल और उठता है कि जब देश की जनता किसी प्रत्याशी को विश्वास के साथ चुनकर भेजती है तो उस प्रत्याशी के सगे संबधी उनके स्थान पर सत्ता का लाभ लेते और कार्य करते नजर आते है। उस समय कानून और अधिकारों की बात करने वाले मंत्री और नेता कहां रहते है।

फिलहाल उपमुख्यमंत्री के इस वाक्य ने यह साबित कर दिया कि सत्ता जिसके हाथ में है उसके लिए ना तो कोई कानून व्यवस्था मायने रखती है और नाहीं सरकार द्वारा जारी कोविड गाइड लाइन्स की पालना उनके लिए जरूरी है। वहीं सरकार द्वारा जारी प्रदेश में सभी कानून और कोरोना नियम सिर्फ आम आदमी के लिए ही बने है। यह उपमुख्यमंत्री ने ग्रीवेंस और कार्यकारणी की मीटिंग के दौरान फरीदाबाद वासियों को समझा दिया है।