May 1, 2024

बाबा रामदेव को एससी ने नहीं दी माफी, कहा ‘आप इतने भी नादान नहीं हैं’

योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बार फिर माफी मांगी। लेकिन बेंच ने कहा कि आपसे सार्वजनिक माफी की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने के लिए कदम उठाएं।

New Delhi/Alive News: भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बार फिर माफी मांगी, लेकिन जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए. अमानतुल्लाह की बेंच ने कहा कि आपसे सार्वजनिक माफी की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने के लिए कदम उठाएं।

मुकुल रोहतगी प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि खुद को बचाने और अपनी नेकनीयती दिखाने के लिए प्रस्तावित अवमाननाकर्ता अपनी पहल पर कुछ और कदम उठाएंगे। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। अदालत ने उत्तरदाताओं 5-6 के अनुरोध पर प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं के साथ भी बातचीत की। 23 अप्रैल को मामला सूचीबद्ध किया जाए और सबसे पहले सुना जाएगा।

SC की सुनवाई में…
इससे पहले सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि जो भी हमसे भूल हुई, उसके लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं। जस्टिस कोहली ने कहा कि जो आप प्रचार कर रहे हैं उसके बारे में क्या सोचा है। हमारे देश में तमाम पद्धतियां हैं। लेकिन दूसरी दवाईयां खराब हैं, ये क्यों? इसपर रामदेव ने कहा कि हम अदालत से क्षमा मांगते हैं। हमने पांच हजार रिसर्च किए और आयुर्वेद को एविडेंस बेस्ड तौर पर प्रस्तुत किया है।

जस्टिस कोहली ने कहा कि जब आपके वकील ने यहां साफ कह दिया कि आगे से ऐसा नहीं होगा। इसके बावजूद आपने दूसरी दवा के बारे में सार्वजनिक बयान दिया। रामदेव ने कहा कि हमें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। हम आगे से ध्यान रखेंगे। ऐसा नहीं कहना चाहिए था।

जस्टिस कोहली ने कहा कि लाइलाज बीमारी के इलाज का प्रचार नहीं कर सकते हैं। कोई भी पद्धति में नहीं किया जा सकता। यह ख्याल रखा जाना चाहिए था। गैर जिम्मेदाराना हरकत थी। इस देश के लोगों को और कोर्ट को आपसे इसकी अपेक्षा नहीं थी। रामदेव ने कहा कि आप सही कह रही हैं। यह मेरे लिए भी अशोभनीय है। बालकृष्ण ने कहा कि अनुसंधान हम करते हैं। प्रचार अज्ञानता में हो गया जो कानूनी नहीं करना चाहिए था।

रामदेव ने कहा कि कोर्ट का अनादर करने की मेरी मंशा नहीं थी। हमने 5000 हजार रिसर्च किये। हमने किसी की क्रिस्टिसाइज नहीं किया। आगे पुनरावृत्ति नहीं होगी। जस्टिस कोहली ने कहा कि हम माफी के बारे में सोचेंगे। अभी हमने माफी नहीं दी है। आप इतने भी नादान नहीं हैं कि आपको कुछ पता ना हो।

अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। आईएमए की ओर से एलोपैथी और आधुनिक चिकित्सा के संबंध में झूठे और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग की गई थी।