May 10, 2024

Faridabad: ऑटो चालकों के लिए पुलिस जल्द जारी करेगी एक यूनिक कोड, पढ़िए खबर में

Faridabad/Alive News: सेक्टर-12 लघु सचिवालय स्थित सभागार में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में क्राइम गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्टी में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित कर अपराध पर अंकुश, नशाखोरी पर लगाम और महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।

गोष्ठी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून – व्यवस्था ममता सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश आर्य और संयुक्त पुलिस आयुक्त ओ. पी नरवाल सहित सभी डीसीपी, सभी एसीपी, सभी क्राइम ब्रांच प्रभारी, सभी थाना प्रबंधक और सभी चौकी प्रभारियों के अलावा हुडा सेल, इकोनामिक सेल इत्यादि अन्य युनीट के प्रभारी भी मौजूद रहे।

पुलिस महानिदेशक ने निर्देश देते हुए कहा कि आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका समय पर निपटारा किया जाए। किसी भी माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर प्रभारी संज्ञान ले और जिम्मेवारी के साथ निवारण करवाया जाए।

उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यशैली और शिकायतकर्ता की संतुष्टि के स्तर का पता लगाने के लिए हर जिले में फीडबैक सेल बनाया जाएगा, फरीदाबाद में तो फीडबैक सेल बना भी दिया है। जिसमें शिकायत के एक हफ्ते बाद फीडबैक सेल में नियुक्त कर्मचारियों द्वारा किसी भी शिकायतकर्ता से फोन करके फीडबैक लिया लिया जाएगा। किरायेदार, ड्राइवर, हाऊस मेड के पासपोर्ट चरित्र सत्यापन इत्यादि सेवाओं के लिए अप्लाई करने वालों से भी फीडबैक लिया जाएगा। पता किया जायेगा की उनका काम समय पर हुआ या नही, पुलिसकर्मी का व्यवहार कैसा था और सेवाओं के बदले रिश्वत की डिमांड तो नहीं की गई है।

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि ग्राम प्रहरी से प्रतिदिन डाटा कलेक्ट करें और डाटा पर तुरंत कार्रवाई करें। किसी भी कार्य को करते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अति आवश्यक है। प्रत्येक थाने चौकी के बीट इंचार्ज की कार्रवाई के समय अहम भूमिका रहती है, इसलिए बीट इंचार्ज को उसके एरिया का अच्छे से पता होना चाहिए और वहां पर रहने वाले लोगों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। लोगों को नशे से होने वाले दुष्परिणाम और समस्याओं के बारे में समय-समय पर जागरुक करें।

महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिदेशक ने निर्देश देते हुए कहा कि कामकाजी महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा हो तथा परिजनों की चिंता कम हो, इस उद्देश्य से राज्य में जल्द ही “सेफ सिटी” परियोजना शुरू की जाएगी ताकि महिलाएं अपने आपको कार्यस्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक परिवहन में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य महिला में सुरक्षा की भावना को बढ़ाना है और उनके माता-पिता की चिंता को कम करना है, सुरक्षित माहौल बनाना है। उन्होनें कहा कि रात के समय यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को इंगित करते हुए कहा कि आटो चालकों का डाटा एकत्रित करें और उनको एक यूनिक कोड जारी करें। ये यूनिक कोड आटो के अंदर और बाहर लिखा होना चाहिए। प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत महिलाएं देर रात यात्रा करती हैं वह डायल 112 पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं जिससे पुलिस के पास उनका नंबर स्थाई रूप से फीड हो जाएगा।

यात्रा करने वाली महिलाएं गड़बड़ी का अंदेशा होने पर आटो पर लिखे यूनिक कोड की फोटो खींचकर डायल 112 पर भेज सकती हैं ऑपरेटर को पता लग जाएगा कि वह महिला किस ऑटो में कहां पर यात्रा कर रही है। पुलिस उस वाहन चालक या उसमें बैठी महिला से आसानी से संपर्क कर सकती है। इससे महिलाओं में सुरक्षा का भाव बढ़ेगा और ऑटो चालक या अन्य लोगों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।

उन्होंने कहा अपने व्यवसाय के चलते अक्सर कैश लेकर चलने वाले पेट्रोल पंप संचालक या ज्वेलर्स भी किसी परेशानी से बचने के लिए डायल 112 पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

बीट प्रणाली के संबंध में निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बीट इंचार्ज को अपनी बीट में नशा करने वाले लोगों की लिस्ट बनानी होगी। समाज में कानून व्यवस्था को भंग करने वालो के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें।

ग्राम प्रहरी के द्वारा इलाके (प्रत्येक गांव, कॉलोनी) में नशाखोरी, मारपीट, लूटपाट करने वालो की लिस्ट बनाकर प्रत्येक थाना चौकी इंचार्ज को दें। आपके क्षेत्र में लड़ाई झगड़ा करने वाले उपद्रवियों को तुरंत गिरफ्तार करें और कानून के तहत सख्त कार्रवाई करें। इलाके में गश्त कर रही पुलिस गाड़ियों में हथियार व लाठी होने चाहिए। गाड़ियां सुचारू रूप से चल रही हों और प्रत्येक नाके पर बेरीगेट सही से लगे होने चाहिए।

भ्रष्टाचार रोकने के लिए उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी दलालों से दूरी बनाकर रखें, अगर गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित एसएचओ चौकी इंचार्ज व सुपरविजन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

प्रत्येक थाने में इन्वेस्टिगेशन की टीम अलग होनी चाहिए जिनसे इन्वेस्टिगेशन के अलावा कोई अन्य ड्यूटी नहीं ली जानी चाहिए। अच्छा काम करने वाले को “हीरो ऑफ द वीक” बनाया जाए। प्रत्येक पुलिसकर्मी को सप्ताह में 1 दिन का रेस्ट सुनिश्चित किया जाए ताकि वह अपने परिवार के साथ भी थोड़ा समय व्यतीत कर सके।

पुलिस कमिश्नर राकेश आर्य ने पुलिस महानिदेशक हरियाणा का फरीदाबाद पुलिस की तरफ से धन्यवाद करते हुए आश्वस्त किया है की डीजीपी के दिए गए निर्देश की पालना की जायेगी।