April 19, 2024

पार्ट-1 : शिक्षा विभाग की महिला अधिकारी को नोटिस पर नोटिस, फिर भी नहीं दिया उच्च अधिकारियों के नोटिस का जवाब

Shashi Thakur/Alive News
Faridabad : शिक्षा विभाग में एक महिला अधिकारी अपने सीनियर अधिकारियों और विभाग को कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने और विभाग की मीटिंग में न शामिल होने को लेकर बड़ी चर्चा में है। यह अधिकारी राजनैतिक आशीर्वाद और कुछ प्रदेश में बैठे आईएएस अधिकारियों के दम पर सरकार के मंत्री- संतरियों को भी बौना समझ रही है। इस महिला अधिकारी के शिक्षा विभाग में रसूख के कारणों का खुलासा फरीदाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 20 अप्रैल 2021 को भेजे गए एक कारण बताओ नोटिस से हुआ। जिसमें सुप्रीम कोर्ट में यूनियन ऑफ़ इंडिया द्वारा पिटीशन नंबर 737- 2020 जोकि “दा चाइल्ड राइट ट्रस्ट” के खिलाफ डाली गयी थी। उसको लेकर जिला शिक्षा विभाग में उपायुक्त फरीदाबाद ने 17 अप्रैल 2021 को ईमेल भेजकर उपरोक्त मामले के संबंध में जानकारी मांगी गयी थी। लेकिन इस महिला अधिकारी ने अगले दिन 18 अप्रैल की शाम तक भी शिक्षा विभाग कार्यालय को नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। यह मामला बच्चों के अधिकार से संबंधित था। जिसको लेकर उक्त महिला अधिकारी को सरकार द्वारा करीब सवा लाख रुपये का वेतन भी हर माह दिया जा रहा है।

शिक्षा विभाग में उक्त महिला अधिकारी की मनमानी का एक और उदहारण यह भी है कि हरियाणा शिक्षा विभाग के निदेशक ने पिछले वर्ष 3 जुलाई को एक पत्र जारी कर राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश के एसटीसीएस प्रशिक्षण केंद्रों में विशेष प्रशिक्षण सत्र शुरू होने से पहले स्कूल के बाहर के बच्चों (ओओएससी) को चिन्हित कर उन्हें मिड-डे मिल योजना का लाभ देने के निर्देश जारी किए थे।

शिक्षा विभाग के निदेशक ने अपने जारी निर्देशों में कहा था कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने जिले के प्रशिक्षण केंद्रों में विद्यार्थियों का प्रशिक्षण प्रारंभ करने से पहले विद्यालय से बाहर के बच्चों (ओओएससी) का आयु के अनुसार कक्षा में नामांकन सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा ऐसे विधार्थी जिनकी पहचान ओओएससी के तहत की गई है और जो स्कूलों में आयु उपयुक्त कक्षा में नामांकित है। ऐसे सभी बच्चों को स्कूल की तरफ से मिड-डे मील दिया जाएगा, ताकि कोरोना आपदा के दौरान स्कूल बंद होने के कारण बच्चें मिड-डे मील योजना से वंचित न रह सकें।

राज्य में शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा जारी निर्देशों की पालना करते हुए उसी दिन फरीदाबाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने अपने जिले में एक पत्र जारी कर जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) अधिकारी को ओओएससी के तहत आने वाले सभी छात्रों का नामांकन सही कक्षा में सुनिश्चित करने के बाद नामांकन का सही रिकॉर्ड मंगलवार 6 जुलाई 2020 तक डीईईओ कार्यालय में जमा कराने के निर्देश जारी किए थे। लेकिन उक्त महिला अधिकारी डीपीसी द्वारा नामांकन का सही रिकॉर्ड जमा नहीं कराया।

इसके बाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने 19 अप्रैल 2021 को फिर से फरीदाबाद डीपीसी और एसएसए अधिकारी को पत्र लिखकर यह भी आदेश दिए थे कि ओओएससी के रूप में पहचाने गए विद्यार्थियों और मिड-डे मील के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों की संख्या के साथ उनके स्कूल खाता की संख्या, बैंक आईएफएससी कोड और अधोहस्ताक्षरित कर 23 अप्रैल 2021 तक सभी विद्यार्थियों का रिकॉर्ड जल्द कार्यालय भेजे, ताकि कोरोना आपदा के दौरान बच्चों को मिड-डे मील का पैसा वितरित करने में देरी न हो। लेकिन इसमें में उक्त महिला अधिकारी ने लापरवाही बरती और कार्यालय को सही रिकॉर्ड समय पर नहीं दिया।

जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय द्वारा कई बार उक्त महिला अधिकारी डिप्टी डीईओ कम डीपीसी फरीदाबाद को नोटिस जारी करने के बावजूद ओओएससी के तहत आने वाले विद्यार्थियों का ब्यौरा जिला शिक्षा कार्यालय में नहीं भेजा गया। जिसके बाद 20 अप्रैल 2021 को इसी संदर्भ में जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय द्वारा उक्त महिला अधिकारी डिप्टी डीईओ कम डीपीसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। लेकिन इसका भी उक्त महिला अधिकारी ने विभाग को कोई जवाब नहीं दिया।

बता दें, कि बीते सोमवार को हाल ही में हरियाणा मौलिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा दाखिले संबंधी ऑनलाइन वीडियो काफ्रेंस के माध्यम से एक बैठक का आयोजन किया गया। लेकिन बैठक का नाम सुनते ही उक्त महिला अधिकारी ने पहले की तरह ही एक बार फिर अपनी मनमानी की और बीमारी का हवाला देते हुए बैठक में शामिल नहीं हुई। बैठक में निदेशक ने सभी डीपीसी अधिकारियों से यू डाइज संबंधी डाटा मांगा था। लेकिन फरीदाबाद डीपीसी महिला अधिकारी न तो खुद इस बैठक में शामिल हुई और नाही अपने किसी रिप्रेजेंटिव को भेजा। मजे की बात तो ये रही कि हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशक भी उक्त महिला अधिकारी की मनमानी के आगे हाथ पैर मार कर शांत बैठ गए है। क्रमशः