April 25, 2024

साप्ताहिक मीटिंग में निगम कमिश्नर के कार्यालय में पार्षदों ने काटा बवाल, निगमायुक्त को छोड़नी पड़ी मीटिंग

Faridabad/Alive News: अपने अपने वार्ड में लंबे समय से विकास कार्यों के लिए एक एक करोड़ का भुगतान ना होने से गुस्साएं पार्षदों ने आज नगर निगम कार्यालय में निगम आयुक्त के सामने बवाल काटा। पार्षदों ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें उनके वार्ड में विकास कार्य के लिए एक करोड़ का भुगतान किया जाए। जिससे शहर की स्थिति सुधरे और जनता को उनकी मूलभूत सुविधाएं मिल सके।

दरअसल, जिले के लगभग सभी वार्ड में सीवर ओवरफ्लो पानी की किल्लत जैसी समस्याओं के समाधान के लिए निगम आयुक्त ने पार्षदों के साथ सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को एक मीटिंग आयोजन करने का फैसला लिया था। इसी तर्ज पर आज नगर निगम में मीटिंग का आयोजन किया गया।

मीटिंग में लगभग सभी पार्षद उपस्थित रहे। पार्षदों ने मुख्य रूप से निगमायुक्त से अपने वार्ड में होने वाले विकास कार्यों को लेकर एक एक करोड़ रुपए के भुगतान की मांग की तथा पार्षद सुरेंद्र अग्रवाल तथा अन्य ने एनआईटी विधायक नीरज शर्मा द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कार्यवाही की मांग की।

मीटिंग ने हंगामे का रूप तब ले लिया जब पार्षद निगमायुक्त कार्यालय में अपनी मांगों को लेकर निगमायुक्त डॉ गरिमा मित्तल के सामने नीचे जमीन पर बैठ गए और रोष व्यक्त करने लगे। मामला इतना गंभीर हो गया कि निगमायुक्त को मीटिंग बीच में छोड़कर वापस जाना पड़ा।

फिर कुछ समय के पश्चात उन्होंने पार्षदों को आश्वासन दिया कि कल एनआईटी विधायक द्वारा किए गए अतिक्रमण पर नगर निगम का पीला पंजा चलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के साथ सभी पार्षदों और निगमायुक्त की मीटिंग होगी। इस मीटिंग में मुख्य रूप से पार्षदों को उनके वार्ड में होने वाले विकास कार्यों के लिए एक एक करोड़ की राशि के भुगतान पर चर्चा की जाएगी।

पार्षदों का कहना है कि उनके कार्यकाल को लगभग साढ़े 4 साल हो गए हैं। ऐसे में उनके वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है और जनता लगातार उनसे सवाल पूछ रही है। इसका कारण मुख्य रूप से नगर निगम द्वारा विकास कार्य के लिए भुगतान ना करना है। ऐसे में उनका सवाल है कि अगर अंतिम एक साल में भी नगर निगम द्वारा भुगतान नहीं होगा और उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं होंगे तो वह किस आधार पर दोबारा जनता के बीच जाएंगे और वोट मांगेंगे।

बहरहाल, अब देखना यह है कि कल केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ आयोजित मीटिंग में पार्षदों को उनके वार्ड में विकास कार्य के लिए एक करोड़ की राशि के भुगतान के मामले पर क्या निर्णय लिया जाता है।