April 20, 2024

हरियाणा: सरकार ने विश्वविद्यालयों पर छोड़ा प्रो-वीसी लगाने का फैसला, कार्यकारी परिषद की बैठक में सहमति जरुरी

Chandigarh/Alive News: हरियाणा सरकार ने वीसी के अलावा प्रो-वीसी की नियुक्तियों का फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। विवि की कार्यकारी परिषद की बैठक में अगर सहमति बनती है तो प्रो-वीसी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। असहमति की स्थिति में नियुक्ति संभव नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रो-वीसी लगाने संबंधी प्रस्ताव 22 विवि के वीसी को भेज दिया है। वीसी कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में इसे सलाह-मशविरा और मंजूरी के लिए पेश करेंगे।

परिषद की असहमति की स्थिति में नियुक्तियां संभव नहीं होंगी। विभाग के प्रस्ताव को पारित कराने में वक्त लग सकता है। सरकार के प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने के लिए वीसी इसे परिषद के एजेंडा में शामिल करने से पहले सदस्यों में आम सहमति बना सकते हैं ताकि बैठक में कोई विरोध न हो। हालांकि, फिर भी परिषद की बैठक में शिक्षक वर्ग के प्रतिनिधियों के इस पर सवाल उठाने की संभावना बनी रहेगी।

विवि में शिक्षक वर्ग सरकारी प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी नहीं चाहते हैं। स्वायत संस्थान होने के कारण विवि के हाथ में बहुत से निर्णय अपने स्तर पर लेने के अधिकार हैं। सरकार का दखल रहता है, लेकिन प्रत्यक्ष तौर पर बिल्कुल भी नहीं। वरिष्ठ आईएएस को प्रो-वीसी नियुक्त करने का विश्वविद्यालयों के शिक्षक संगठनों ने अंदरखाने अभी से विरोध शुरू कर दिया है। सरकार को इसमें उनमें नाराजगी का आभास पहले से था, इसलिए कुछ जगह आठ साल का प्रोफेसर पद का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ शिक्षकों को भी नियुक्त करने का प्रावधान प्रस्ताव में किया गया है। 

सरकार वीसी से शैक्षणिक और प्रो-वीसी से प्रशासनिक कार्य लेने के पक्ष में है। प्रशासनिक निर्णय लेने का जिम्मा भी प्रो-वीसी पर रहेगा, जिससे विवि स्तर पर होने वाले शिक्षक और छात्र संगठनों के आंदोलन पर लगाम कसी जा सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि अभी विश्वविद्यालयों को प्रस्ताव भेजा है। सरकार प्रो-वीसी लगाना चाहती है, लेकिन इसका फैसला विवि की कार्यकारी परिषद करेगी। यह लंबी प्रक्रिया है। नियुक्तियां होंगी या नहीं, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।