May 3, 2024

इंडस्ट्री और शिक्षा के बीच गैप कम करना जरूरी : धनंजय सिंह

Faridabad/Alive News : शिक्षण संस्थान के स्टूडेंट्स तैयार करने व इंडस्ट्री की मांग के बीच के गैप को जल्द भरना बहुत जरूरी है। इस सोच व इस पर मंथन करने के लिए मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) के फैकल्टी आफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएमएस) व नैशनल एचआरडी नैटवर्क (एमएचआरडीएन) के सहयोग से एचआर समिट 2017 का आयोजन किया गया। एचआर समिट में रोजगार- आयाम, चुनौतियां व समस्याएं व इंडस्ट्री की मांग के अनुसर रोजगार बढ़ाने के तरीके आदि कुछ ऐसे विषय रहे, जिन पर पैनल ने डिस्कशन किया। समिट का उद्देश्य स्टूडेंट्स के बीच इंडस्ट्री के प्रति जागरुकता को बढ़ाना व शिक्षा-उद्योग की भागीदारी के साथ रोजगार को बढ़ाने व इसमें आ रहे चुनौतियों के बारे में चर्चा करना था।

आईआईएम (एल) के पूर्व डायरेक्टर व लीड सेंटर के सीईओ पद्मश्री डॉ.प्रीतम सिंह ने इस एचआर समिट की सोच को जन्म दिया और इन्हीं की सोच व मार्गदर्शन में इस समिट का आयोजन किया गया। वहीं मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) के प्रेसिडेंट डॉ.प्रशांत भल्ला इस समिट के पैटर्न रहे। समिट के उद्घाटन सत्र के मौके पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चीफ मैंटर एस.वाय सिद्दकी बतौर मुख्य वक्ता व एनएचआरडीएन के डायरेक्टर जनरल धनंजय सिंह, फैकल्टी आफ मैनेजमेंट स्टडीज के डायरेक्टर प्रोफेसर विजय अग्रवाल क्नवीनर के रूप में उपस्थित रहे। इस मौके पर डीएलएफ इंडस्ट्री असोसिएशन के प्रेसिडेंट जे.पी.मल्होत्रा ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए।

अपने स्वागत संबोधन में मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) के वाइस चांसलर एन.सी.वाधवा ने कहा कि आज हम यहां पर रोजगार के आयाम व चुनौतियों के बारे में बात करने के लिए इक_े हुए हैं। शिक्षण संस्थानों को यह समझना जरूरी है कि स्टूडेंट्स को बाजार की मांग के अनुसार तैयार किया जाए। स्किल सेंट्रिक एजुकेशन के तहत जैसे की माननीय प्रधानमंत्री चाहते हैं स्टूडेंट्स को जाब रैडी करना बहुत जरूरी है। वहीं इस मौके पर धनंजय सिंह ने शिक्षा-उद्योग भागीदारी पर प्रकाश डाला और कहा कि आज के समय में इंडस्ट्री और शिक्षा के बीच में गैप कम करना बहुत जरूरी है। तभी रोजगार के नए रास्ते तलाश किए जा सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि एनएचआरडीएन इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगा और यह पहला सकारात्मक कदम है जो कि उठाया गया है। अलग-अलग पैनल में नि़श्चय सूरी, ममता वैगुन्ता, राशि कौशिक, प्रोफेसर छवि भारगव शर्मा, आर आनंद, जी.पी.राव, अमित मलिक, सुब्रत कुमार व श्रीकांत बालाचंद्रन आदि शामिल रहे।