May 9, 2024

वन मजदूर यूनियन ने विभाग के रिकॉर्ड की जांच की मांग

Faridabad/Alive News : वन विभाग के मजदूरों का शोषण सहन नहीं किया जाएगा। भविष्य निधि और राज्य कर्मचारी बीमा की राशि को हड़पने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध लगातार आंदोलन जारी रहेगा। यह बात आज शुक्रवार को वन विभाग के मजदूरों के पक्ष को श्रम विभाग के अधिकारियों के सामने रखते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल एवं उप प्रधान के पी सिंह एवं वन मजदूर यूनियन की जिला सचिव सोनिया ने लेबर डिपार्टमेंट के मुख्य द्वार पर मजदूरों को संबोधित करते हुए कही। तीनों नेताओं ने वन विभाग के आला अधिकारियों पर मजदूरों के साथ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि मुख्य वनपाल पंचकूला के आदेशों के बावजूद भी मजदूरों को काम पर नहीं लगाया गया। इसके साथ साथ उन्हें भविष्य निधि और ईएसआई की राशि उनके खातों में जमा नहीं की गई। वन विभाग फरीदाबाद में लाखों रुपए का गड़बड़ घोटाला मजदूरों के भविष्य निधि और ईएसआई की राशि को उनके खातों में जमा नहीं करके की गई है। उन्होंने भविष्य निधि के क्षेत्रीय अधिकारी और उप श्रम आयुक्त को वन विभाग के पूरे रिकॉर्ड की जांच करने की मांग की है। यूनियन के नेताओं ने श्रम विभाग के अधिकारियों से वन विभाग में हस्तक्षेप कारी भूमिका निभाते हुए काम से हटाये ग्ए मजदूरों को काम पर लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि छटनी ग्रस्त वन मजदूरों को 5 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। मजदूरों को दिवाली के त्योहार के मौके पर भी कुछ नहीं मिला।

वरिष्ठ मजदूर नेता प्रेमवती ने बताया कि उन्हें जनवरी 2022 से लेकर अप्रैल 2022 तक आधा ही वेतन दिया गया। इस की अदायगी भी ₹367 रुपए की दर से की गई जबकि जनवरी 2022 से लेबर कमिश्नर ने मजदूरों का रेट ₹388. 46 पैसे प्रतिमाह कर दिए थे। उन्होंने कहा कि वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड और दरोगा ठेकेदार को मजदूरों को कम वेतन देने की सलाह देते हैं। जिससे ठेकेदार उनको पूरा वेतन का भुगतान नहीं करते हैं। सारा महीना काम करने के बाद आदि हाजिरी काट ली जाती है। मजदूर अनपढ़ होता है। उसकी कहीं पर हाजिरी नहीं लगाई जाती है। उनको हाजरी कार्ड भी नहीं दे रखे हैं। जिसके कारण उनका वेतन का हिस्सा अधिकारी आसानी से काट लेते हैं।

उन्होंने बताया कि वन विभाग में यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। पिछले 30 वर्षों से वन विभाग में काम करने के बावजूद भी उनको रेगुलर मस्टरोल पर नहीं लगाया गया। जबकि हाल ही में वन मंडल अधिकारी के कार्यालय में लगाए गए कर्मचारी हरियाणा, कौशल विकास निगम के तहत लगा दिए गए। उनको अच्छा वेतन मिल रहा है। जो मजदूर नर्सरियों में पौधे तैयार करते हैं। उनकी सेवाओं को रेगुलर करना तो दूर की बात है। उन्हें मस्टरोल पर भी नहीं रखा जाता है। अधिकारियों की दोहरी कार्यप्रणाली से वन विभाग के मजदूरों के साथ भारी अन्याय हो रहा है। आज के प्रदर्शन को विमलेश, कमलेश, सोनिया, माया, प्रेमवती, सीटू के नेता मुकेश भड़ाना ने भी संबोधित किया।