April 20, 2024

निगम घोटाले की जांच के लिए निगमायुक्त ने नई कमेटी का किया गठन

Faridabad/Alive News : नगर निगम में हुए 50 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सुलझने का नाम नही ले रहा है। पहले से ही इस मामले की जांच विजिलेंस कर रही है, लेकिन अब तक विजिलेंस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इसके बाद अब 50 करोड़ रुपये पेमेंट की घोटाले की जांच को लेकर निगम प्रशासन ने एक और नई कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में डिप्टी मेयर व एक पार्षद समेत पांच लोग शामिल हैं। निगम प्रशासन द्वारा गठित नई कमेटी भी अब इस मामले की जांच करेगी। जल्द ही इसमें शामिल निगम अधिकारियों को तलब कर बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजेगी।

बता दें, कि निगम पार्षद दीपक चौधरी ने अकाउंट ब्रांच से 2017 से 2019 तक विकास कार्यों का ब्योरा मांगा था। उन्होंने पूछा था कि किस फंड से किस ठेकेदार को कितनी पेमेंट हुई। चौधरी ने बताया कि उनके वार्ड में 27 ऐसे कार्य हुए हैं जिनमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट दिखाई गई है। दस वार्डो में नालियों की रिपेयरिंग, इंटरलॉकिंग टाइल लगाना और स्लैब लगाने को दिखाया गया। लेकिन दस वार्डो में दावे के मुताबिक कोई काम ही नहीं हुआ और ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया। कुल 10 वार्डों में करीब 50 करोड़ का विकास दिखाकर ठेकेदारो ने निगम से पेंमेंट ले लिया है। नगर निगम की आर्थिक हालत बेहद खराब है।

मिली जानकारी के अनुसार निगम जनरल फंड का इस्तेमाल छोटे मोटे खर्चे और कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए करता है। विकास कार्यों के लिए तो जनरल फंड में पैसा ही नहीं बचता। लेकिन जानकर हैरानी होगी कि साल 2017 से 2019 के बीच में 40 से 50 करोड़ रुपये की पेमेंट जनरल फंड से हुई है। आंतरिक रिपोर्ट में पाया कि ठेकेदार ने जिन 388 कार्यों को दिखाकर निगम से पेमेंट लिया था। वह भी निगम के जरनल फण्ड से की गई है। वहीं गठित की गई कमेटी में मुख्य अभियंता रामजीलाल, सचिव अनिल यादव, डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग और निगम पार्षद अजय बैंसला शामिल हैं।