May 3, 2024

आज मनाई जा रही है चित्रगुप्त पूजा, जानें पूजा विधि और महत्व

चित्रगुप्त पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को की जाती है। पंचांग के अनुसार चित्रगुप्त की पूजा इस साल 6 नवंबर 2021 शनिवार के दिन की जाएगी। चित्रगुप्त देवताओं के लेखपाल हैं, और मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं, उनकी पूजा के दिन नई कलम दवात या लेखनी की पूजा उनके प्रतिरूप के तौर पर की जाती है। लेखनी की पूजा से वाणी और विद्या का वरदान मिलता है। कायस्थ या व्यापारी वर्ग के लिए चित्रगुप्त पूजा दिन से ही नववर्ष का आगाज माना जाता है। इस दिन व्यापारी नए बही खातों की पूजा करते है। नए बहीखातों पर ‘श्री’ लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है।

चित्रगुप्त पूजा का महत्व
व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए चित्रगुप्त की पूजा का बहुत महत्व होता है। इस दिन नए बहीखातों पर ‘श्री’ लिखकर कार्य का आरंभ किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि कारोबारी अपने कारोबार से जुड़े आय-व्यय का ब्योरा भगवान चित्रगुप्त के सामने रखते हैं और उनसे व्यापार में आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद मांगते हैं। भगवान चित्रगुप्त की पूजा में लेखनी-दवात का बहुत महत्व है।

चित्रगुप्त की पूजा विधि
चित्रगुप्त महाराज की पूजा विधि के अंतर्गत ऐसी मान्यता है कि चित्रगुप्त पूजा के दिन सफेद कागज पर श्री गणेशाय नम: और 11 बार ऊं चित्रगुप्ताय नमः लिखकर पूजन स्थल के पास रखना चाहिए। इसके अलावा ऊं नम: शिवाय और लक्ष्‍मी माता जी सदा सहाय भी लिख सकते हैं। फिर इस पर स्‍वास्‍तिक बनाकर बुद्धि, विद्या और लेखन का अशीर्वाद मांगें।