November 19, 2024

राम भरोसे चल रहे प्रदेश के 87 सरकारी कॉलेज, इन चार जिलों की स्थिति है बेहद खराब

Chandigarh/Alive News: हरियाणा सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए नई शिक्षा नीति लागू करने के साथ शिक्षकों को नए विषयों की ट्रेनिंग देने से लेकर अनेकों योजना लागू करने में लगी हुई है, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकें। लेकिन इन सभी व्यवस्थाओं का फायदा तो तब होगा, जब कॉलेजों को चलाने वाले प्रिंसिपल होंगे। हरियाणा के सरकारी कॉलेजों की व्यवस्था भी स्कूलों की भांति चरमराई हुई है। हरियाणा के करीब 87 सरकारी कॉलेज ऐसे है, जहां एक भी प्रिंसिपल नहीं हैं, कॉलेज भगवान भरोसे चल रहे है।

इसके अलावा चार जिले के सरकारी स्कूलों में तो एक भी प्रिंसिपल नहीं है, जबकि कुछ जिलों में एक एक प्रिंसिपल काम कर रहे है। कॉलेजों में यह अव्यवस्था सरकार और विभाग के बीच सही तालमेल का ना होना बताया जा रहा है। सरकार और विभागीय अधिकारी कॉलेज प्रिंसिपल की सिनियोरिटी फिक्स नही कर पा रहे है। जिसके कारण कॉलेजों में प्रिंसिपल का संकट गहराता जा रहा है।

प्रदेशभर में कुल 177 सरकारी कॉलेज
प्रदेश में कुल 177 सरकारी कॉलेज हैं। इनमें से 90 कॉलेजों में प्रिंसिपल है। जबकि 87 कॉलेज बिना प्रिंसिपल के चल रहें है। कॉलेजों में प्रिंसिपल न होने के कारण उनकी डीडी (ड्राइंग एंड डिसर्बसीमेंट) पावर कॉलेज के सीनियर अध्यापक को सौप रखी है।

4 जिलों के कॉलेजों में कोई प्रिंसिपल नहीं
प्रदेश में कुल 4 जिले ऐसे हैं, जहां के 19 सरकारी कॉलेजों में एक भी प्रिंसिपल मौजूद नहीं है। सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल की कमी शिक्षा प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। इन चार जिलों में यमुमनागर, कुरुक्षेत्र, पलवल और चरखी दादरी शामिल है। कुरुक्षेत्र के 3, चरखी दादरी के 5, यमुनानगर के 5 और पलवल के 6 कॉलेज ऐसे हैं, जहां एक भी प्रिंसिपल नहीं है।

प्रदेश के 21 जिलों में प्रिंसिपलों की स्थिति
हरियाणा के सिरसा जिले को छोड़कर बाकी अन्य जिलों के सरकारी कॉलेजों में भी प्रिंसिपल की बेहद कमी है। कैथल के 5 सरकारी कॉलेजों में से एक सोनीपत है 8 सरकारी कॉलेजों में से दो, रेवाड़ी के 11 सरकारी कॉलेजों में से चार, पंचकूला के साथ सरकारी कॉलेजों में से तीन, महेंद्रगढ़ के 15 सरकारी कॉलेजों में से चार, करनाल के 11 सरकारी कॉलेजों में से चार, अंबाला के 5 सरकारी कॉलेजों में से दो, भिवानी के 12 सरकारी कॉलेजों में से छह, फरीदाबाद के सात सरकारी कॉलेजों में से पांच, फतेहाबाद के 6 सरकारी कॉलेजों में से चार, गुरुग्राम के 10 सरकारी कॉलेजों में से आठ, हिसार के 14 सरकारी कॉलेजों में से 12, झज्जर के 12 सरकारी कॉलेजों में से आठ, जींद के 9 सरकारी कॉलेजों में से 6, नूंह के 6 सरकारी कॉलेजों में से तीन, पानीपत के 4 सरकारी कॉलेजों में से दो, रोहतक के 8 सरकारी कॉलेजों में से 6 कॉलेजों में एक भी प्रिंसिपल कार्यरत नहीं है। इन सभी कॉलेजों में प्रिंसिपल के पद खाली पड़े हैं।