Faridabad/Alive News: बडख़ल झील को भरने का काम तीव्र गति से किया जा रहा है और तय समय सीमा में बडख़ल झील में पानी पहुंच जाएगा। सोमवार को बड़खल विधानसभा क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा सैक्टर-21ए स्थित एसटीपी प्लांट पर पहुंची और 22 करोड़ 50 लाख की लागत से बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट का ट्रायल लिया। विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा ने जानकारी देते हुए बताया कि एसटीपी प्रोजेक्ट का ट्रायल 2021 में किया जाना था, परंतु 2020 एवं 2021 में कॅारोना काल की वजह से इसकी तिथि एक्सटेंड कर 30 नवंबर 2022 कर दी गई।
जिसको आए तय अवधि से 10 दिन पूर्व ही पूरा कर लिया गया और आज इसका ट्रायल लिया गया। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट लेटेस्ट तकनीक यानि टरसरी प्रक्रिया से होते हुए क्लीन किया जाएगा। जिसमें तीन चरण से यह प्रक्रिया चलेगी और पानी पूरी तरह पीने योग्य हो जायेगा। उन्होंने बताया कि सेक्टर 21 ए में अमृत का टैंक बनाया गया है, जिसमें पूरे सेक्टर 21 का सीवर का पानी एकत्रित किया जाता है। यहां से पानी को ट्रीट किया जाता है, जिस प्रक्रिया को तीन चरणों में पूरा किया जाता है। पहले चरण में टैंक में 5 एमएलडी यानि 5 हजार मिलीलीटर पानी प्रतिदिन स्व‘छ किया जाएगा।
इसके बाद दूसरे चरण में 5 एमएलडी पानी दूसरे टैंक में जाएगा और स्वच्छ किया जाएगा। जिसके बाद तीसरे और अंतिम चरण में 10 एमएलडी पानी यानि 10 हजार मिलीलीटर पानी तीसरे टैंक में जाएगा जो बिल्कुल स्वच्छ जल होगा और पानी पूरी तरह पीने योग्य होगा।
मुख्यमत्री मनोहर लाल ने कहा था कि जनवरी में बडख़ल झील में पानी शुरू कर दिया जाएगा, तो उनके आदेश की पालना करते हुए यह प्रोजेक्ट जनवरी मेें शुरू कर दिया जाएगा और बडख़ल झील में पानी डाला जाएगा। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं, लेकिन बडख़ल झील में पानी डालने से पहले बांध की व्यव्स्था की जानी है, जिसका कार्य तेज गति से चल रहा है। सोमवार को सैक्टर-21 स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के ट्रायल का आरंभ गुरू की अरदास यानि ‘सरबत दा भला’ के साथ किया गया।
ज्ञातव्य है कि बडख़ल झील को भरने को लेकर विधायक सीमा त्रिखा ने 2014 में जीतने के बाद ही अपनी दिली इच्छा प्रकट की थी और लगातार मुख्यमंत्री जी के समक्ष अपनी एवं शहर के लोगों की भावनाएं व्यक्त करती रही। इस प्रोजैक्ट की शुरूआत ही नहीं, बल्कि इसे पूरा करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जो झील पिछले 28 वर्षों से सूखी हुई थी और पिछली सरकारें उसको भरने की हिम्मत नहीं जुटा पाई, उस बडख़ल झील को भरने के प्रोजैक्ट को पूरा करने में लगातार जुटी रही।