Faridabad/Alive News : हरियाणा सरकार ने नगर निगम की सीमा से बाहर विकसित की गई अवैध कॉलोनियों में नागरिक सुविधाओं के साथ अवैध कॉलोनियों को 6 माह में नियमित करने की अधिसूचना जारी की है।
उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि इस अधिसूचना के 6 महीने के अन्दर-अन्दर अवैध कॉलोनियों के डेवलपर्स, जमीन मालिक अथवा रेजिडेंसियल वैलफेयर एसोसिएशन को आवेदन करना होगा एवं आवेदन के साथ कॉलोनी का लेआउट प्लान व मलकियत से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करने होंगे। जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी आवेदनों की जांच करेगी।
इस कमेटी में जिला नगर योजनाकार (कन्वीनर), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मैम्बर), जिला परिषद, जिला विकास पंचायत अधिकारी (मैम्बर), कार्यकारी अभियंता, पीडबल्युडी बीएंडआर (मैम्बर), कार्यकारी अभियंता पीएचईडी (मैम्बर) जिला अग्नि शमन अधिकारी (मैम्बर), कार्यकारी अभियंता पंचायती राज (मैम्बर), तहसीलदार (मैम्बर) शामिल हैं। इस कमेटी की अनुशंसा पर अवैध कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं देने व इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तथा आवेदकों द्वारा कॉलोनियों को नियमित करने हेतु बिल्ट अप एरिया के लिए कलैक्टर रेट का 5 प्रतिशत और खुले क्षत्रों के लिए 10 प्रतिशत की दर से विकास शुल्क जमा करवाने उपरान्त कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा तथा वहां रहने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
पोलिसी अनुसार अवैध कॉलोनियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। जिन कॉलोनियों में 25 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को 9 मीटर से अधिक चौड़ा करते हुए पार्क का निर्माण कराया जाएगा। 20 एकड़ से अधिक में बसी कॉलोनियों में 500 वर्गमीटर क्षेत्र सामुदायिक भवन के लिए होगा। इसी तरह जहां 25 से 50 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को न्यूनतम 6 मीटर चौड़ा करने के लिए जगह रखी जायेगी। पार्कों के लिए न्यूनतम 3 प्रतिशत क्षेत्र रखना होगा। 50 से 75 प्रतिशत तक निर्माण वाली कॉलोनियों में सड़क की चौड़ाई के लिए कोई मापदण्ड नहीं है। जिन कालोनियों में 75 प्रतिशत अधिक निर्माण हो चुके हैं, वहां जमीन और मकान की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।