Faridabad/Alive News: सेक्टर 28 शाही एक्सपोर्ट कंपनी के साथ 27.61 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए साइबर थाना की टीम ने धोखाधडी के मामले में दिल्ली के नांगल में रहने वाले मनोज, गीतांजली पार्क सागरपुर में रहने वाले मनीष, प्रवीण कुमार और मनीष कुमार को गिरफ्तार किया है।
कर्नाटक के रायचूर जिले के गांव इरगेरा में रहने वाले आरोपी गणेश परशुराम को रायचूर, मुंबई साहिन जोगलेकरवाडी के रहने वाले आरोपी भूषण किशन, महाराष्ट के रायगढ के रहने वाले आरोपी राहुल रघुनाथ को 29 दिसम्बर को सागरपुर से गिरफ्तार किया है।
आरोपी मनोज लाईसेंसो के ट्रासफर की प्रकिया का काम करता था। आरोपी शाही कम्पनी की फर्जी डीएससी बनवाकर कम्पनी के पैसे ट्रासफर करता था। जिसकी आईडी से शाही कम्पनी के 27.61 करोड रुपए का लाइसेंस ट्रांसफर करना पाया गया है। आरोपी प्रवीण कुमार वारदात में प्रयोग दस्तावेज संसाधनों को उपलब्ध कराने का काम करता था।
आरोपी मनीष कुमार शाही कम्पनी की फर्जी डीएससी में फोटो बदलने का काम किया था। आरोपी गणेश परशुराम ने अपने नाम पर फर्जी कम्पनी Black curve incorporation बनाकर शाही एक्सपोर्ट कंपनी से ठगी की है। भूषण किशन ने फर्जी कम्पनी Black curve incorporation बनाकर मासूक अली को उपलब्ध करवाई थी। मासूक अली की मृत्यु हो चुकी है।
राहुल रघुनाथ फर्जी कम्पनी Black curve incorporation बनाकर भूषण किशन को उपलब्ध करवाई थी। सेन्तोष सीताराम प्राटेक्शन मनी लेना का काम करता था। आरोपी सुरेश कुमार ने फर्जी कम्पनी Black curve incorporation बनाकर शाही कम्पनी से लाइसेंस ट्रांसफर करने का काम किया है। आरोपी ललित फर्जी कम्पनी Black curve incorporation के सीए है।
साइबार थाना की टीम ने आरोपियो के सम्बन्ध में जांच की जिसमें पाया गया की आरोपियोने बड़ी-बड़ी कंपनियों के इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड प्राप्त करके उनका रिकॉर्ड चेक करते थे और कंपनी के खाते में कुल कितनी रकम के डिस्काउंट कूपन उपलब्ध है। इसके पश्चात उस कंपनी के डायरेक्टर के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करके उन्हीं फर्जी दस्तावेज से फर्जी व्यक्ति का वीडियो शूट करवाकर फर्जी DSC लाइसेंस तैयार करवाते थे।
गिरोह में शामिल आरोपी भूषण और राहुल किसी भी व्यक्ति के नाम पर एक फर्जी कंपनी रजिस्टर करवा देते थे। इन्होंने अपने साथी आरोपी गणेश जोकि पेशे से एक ऑटो ड्राइवर है उसके नाम पर Black curve incorporation नाम परएक फर्जी कंपनी खुलवा कर आरोपी मनीष मोगा ने हरीश आहूजा बनकर एक वीडियो शूट करवाई जिसमें उसने अपने आप को शाही कंपनी का डायरेक्टर बताया।
इसी वीडियो के आधार पर फिर हरीश आहूजा की एक फर्जी DSC आईडी बन गई। फर्जी डीएससी बनने के पश्चात इसमें उपलब्ध शाही कंपनी के 154 डिस्काउंट कूपन को ब्लैक कर्व कॉरपोरेशन के नाम ट्रांसफर कर दिया गया जिनकी टोटल वैल्यू 27.61 करोड़ रुपए थी। कंपनी को जब इस धोखाधड़ी के बारे में पता लगा तो उन्होंने पुलिस को इसकी शिकायत दी। जिसके आधार पर पुलिस थाना सेक्टर 31 में धोखाधड़ी तथा आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई थी।
दौराने तफ्तीश पाया गया की मनोज, मनीष कुमार, प्रवीण कुमार, मनीष कुमार, गणेश परशुराम, भूषण किशन, राहुल रघुनाथ, संतोष सीताराम, सुरेश कुमार और ललीत की शाही एक्सपोर्ट कंपनी के साथ हुई 27.61 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी के मामले में संलिप्ता पाई गई है। जिसमें सामने आया है कि आरोपी सुरेश तथा ललित फर्जी तरीके से प्राप्त इन लाइसेंस कूपनों को आगे दूसरी कंपनियों को बेच कर पैसे कमाते थे। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया है।