Faridabad/Alive News: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सहयोग से मीडिया विभाग ने 19 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाया। यह कार्यक्रम मातृभाषा भाषाओं और सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया गया था। साथ ही, आपसी समझ, सहिष्णुता और चर्चा के आधार पर एकजुटता को बढ़ावा देना इसका उद्देश्य था।
16 भारतीय संस्थानों के कुलपतियों ने इसमें भाग लिया और मातृभाषा को हमारे पाठ्यक्रम में लागू करने पर अपने अनूठे विचार साझा किए। सम्मेलन में भारत के शिक्षाविदों और छात्रों सहित 700 से अधिक लोगों ने भाग लिया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने इस दिन की व्यवस्था और सम्मान के लिए मानव रचना की सराहना की।
मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषाओं को जोड़ने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “मातृभाषा संज्ञानात्मक विकास, मनोवैज्ञानिक और व्यक्तित्व विकास, शिक्षा और सीखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।इस कार्यक्रम ने सभी को हमारी राष्ट्रीय भाषा के हितधारकों को सुनने का अवसर दिया और यह जानने का मौका दिया कि मातृभाषा को विभिन्न संस्थानों के पाठ्यक्रम में कैसे शामिल किया जा सकता है।