September 30, 2024

विजिलेंस करेगी पंचकूला और फरीदाबाद नगर निगम में हुए करोड़ाें के घोटाले की जांच

Chandigarh/Alive News : पंचकूला नगर निगम और फरीदाबाद नगर निगम में हुए करोड़ाें के घोटालों की जांच अब विजिलेंस करेगी। यह जानकारी शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने टवीट् करके दी। अनिल विज के अनुसार सरकार का मानना है कि विजिलेंस इन मामलों में निष्पक्ष जांच करेगी। उन्होंने बताया कि विजिलेंस फरीदाबाद नगर निगम के लेखा विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना काम के किए गए भुगतान की जांच करेगी।

बता दें, कि फरीदाबाद नगर निगम में बहुत सारे ऐसे वार्ड है जिनमें बिना काम के करोड़ों का भुगतान किया गया है। अधिकांश पार्षदों ने बताया कि उनके वार्डों में यह काम हुए ही नहीं हैं। इस शिकायत के अनुसार पाया गया कि 388 कार्य जो ठेकेदारों ने किए ही नही है। निगम ने ठेकेदारों को उन सभी कार्यों की अदायगी कर दी है, जिसकी कुल राशि 23 करोड 79 लाख 72 हजार 990 रुपये है। शिकायतकर्ता पार्षदों के अनुसार इन 388 कार्यों में से एक भी कार्य ठेकेदार व संबंधित अधिकारी दिखाने में विफल रहे हैं।

फर्जी वाउचर होगा जांच का बिंदु
फरीदाबाद नगर निगम में बिना कार्य किए फर्जी वाउचर तैयार करने के ठेकेदार से मिलीभगत करने में मदद करने, पैमाइश पुस्तिका में दर्ज फर्जी इंद्राज करने, निरीक्षण के समय जानबूझकर पैमाइश प्रस्तुत न करना और नगर निगम को वित्तीय हानि पहुंचाना, उच्च अधिकारियों से मिलकर बिना कार्य किए फर्जी बिल वाउचर तैयार करने में मदद करना शामिल है।

बायो-रेमेडियेशन आफ लीगेसी वेस्ट होगा जांच का बिंदु
पंचकूला नगर निगम में बायो-रेमेडियेशन आफ लीगेसी वेस्ट (कचरे का जैव उपचार) घोटाले की जांच होगी। इस घोटाले में भी कचरा निस्तारण के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। घोटाले की जांच के लिए पंचकूला के वार्ड-2 के पार्षद तथा अन्य द्वारा मांग की गई जिसमें कहा गया है कि एक ही काम के लिए अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति के द्वारा अलग-अलग फर्मों के नाम से अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों का घोटाला किया गया है।

पंचकूला में केवल दो फर्माें ने हिस्सा लिया और दोनों फर्मों का मालिक एक ही हैं। एजेंसी द्वारा (लगभग दो करोड़ रुपये) परफोरमेंस गांरटी जमा कराए बिना टेंडर अलॉट किया गया। न ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और न ही बैकअप स्टोर करने का प्रोविजन किया गया। ऐसे ही कोई क्वालिटी कंट्रोल लैब स्थापित नहीं की गई है और कचरे से संबंधित कोई रिकॉर्ड ही नहीं रखा गया है। कूड़ा-कर्कट तोलने में भारी गड़बड़ पाई गई है।