Faridabad/Alive News : उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि पीडि़त महिलाओं के लिए जिला में वन स्टाँप सेंटर सुरक्षित साबित हो रहा है। यहाँ पर आई हुई महिलाओं को पूरा आत्म और सामाजिक सम्मान मिला है। वन स्टाँप सेंटर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जिला के बी.के. नागरिक अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है। यह वन स्टाँप सेंटर सखी नाम से विख्यात है, जहाँ किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बच्चियों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है।
वन स्टॉप सेंटर के द्वारा घरेलु हिंसा, बलात्कार से पीडित, महिला तस्करी,बाल यौन शोषण, बाल विवाह, दहेज़ उत्पीड़न, एसिड अटैक, गुमशुदा इत्यादि प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को क़ानूनी परामर्श, क़ानूनी सहायता, मेडीकल सहायता, पुलिस सहायता, मनोसामाजिक परामर्स तथा 5 दिनों तक अस्थाई आश्रय आदि सहित हर प्रकार की सहायता एक ही छत के नीचें प्रदान की जाती है।
वन स्टॉप सेंटर इन्चार्ज डाँ मीनू यादव ने बताया कि फरीदाबाद जिला में अब तक घरेलु हिंसा की 509, गुमशुदगी की 213, दहेज़ उत्पीडन की 17, बाल यौन शोषण की 41, बलात्कार की 37,साइबर क्राइम की 33, शारारिक उत्पीड़न की 71 तथा लड़ाई झगडे व अन्य 364 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिनमे केंद्र के द्वारा क़ानूनी परामर्श 381, मेडीकल सहायता 234, पुलिस सहायता 263, मनोसामाजिक परामर्स 182 तथा आश्रय 255 कुल पीडि़त महिलाओं को उपरोक्त सुविधाए प्रदान की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि पीडित महिलाऐं वन स्टॉप सेंटर में महिला हेल्प लाईन 181, 0129-2421006 तथा स्वयं सेंटर में हाजिर हो कर भी शिकायत दर्ज करवा सकती है। जोकि वन स्टॉप सेंटर 24 घंटे X 7 दिन खुला रहता है,जिससे की पीड़ित महिलाओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
मीनू यादव ने आगे बताया कि यह सेंटर महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है। यह सेंटर महिलाओ के लिए बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम है। यहाँ महिलाएं स्वयं को बहुत सुरक्षित महसूस करती है, क्योंकि यहाँ महिलाओ की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। यहाँ पर पीड़ित महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर सशक्त करने के लिए उनका मार्गदर्शन व सहयोग किया जाता है। इस सेंटर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए समय समय पर विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इसके आलावा जिला के सभी पुलिस थानों के पुलिस कर्मचारयों के साथ भी सेंटर के अधिकारी बैठकें करते रहते है। ताकि सभी प्रकार से ज्यादा से ज्यादा पीड़ित महिलाओं को सेंटर द्वारा मदद मिल सके।
इसके साथ ही जो पीड़ित महिलाऐ सेंटर तक पहुचनें में असक्षम है, उनको केंद्र के कर्मचारियों के द्वारा उनके आवास पर जाकर आवश्यक सहायतायें प्रदान की जाती है।