Palwal/Alive News : केंद्र सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी), किसानों पर किए गए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज व अपनी मांगो को लेकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर एसडीएम वैशाली को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया कर्मचारी राष्ट्रव्यापी आंदोलन पर जाने को मजबूर होंगे।
इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन जनता की कड़ी मेहनत व टैक्स पेयर्स के पैसों से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र को किसी भी कीमत पर बिकने नही देगी। उन्होंने कहा कि अब केन्द्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने की घोषणा कर दी है। यह पूरी तरह निजीकरण है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार बड़े कारपोरेट घरानों के लाखों करोड़ रुपए टैक्स माफ कर रही है और दूसरी तरफ सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को निजी हाथों में सौंप कर 60 हजार करोड़ रुपए कमाने का ऐलान किया है। इससे केन्द्र सरकार की कारपोरेट प्रस्त नीतियों बिल्कुल स्पष्ट होती है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस फैसले से रोजगार के अवसर समाप्त होंगे और जन सुविधाएं आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला दैनिक खर्च को पूरा करने के लिए पारिवारिक गहने बेचना जैसा है। पुरखों द्वारा खड़े किए गए ढांचे को निजी हाथों में सौंप कर संपत्ति अर्जित करना किसी भी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने बताया कि जब बाजार कमजोर और निचले स्तर पर होता है तो बहुत ही सस्ते और औने-पौने दामों में संपत्ति बेचने में केवल चहेते कॉरपोरेट्स को फायदा होता है। इसलिए सरकार को उक्त निर्णय को तूरंत वापस लेना चाहिए। वहीं किसानों पर किए गए लाठी चार्ज की ठोस निंदा करते हुए कहा कि देश का अन्नदाता आज सडक़ो पर है। सरकार को तीनों कृषि बिलों को वापस लेना ही होगा और किसानों की जीत होगी। वहीं उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि जल्द ही कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कर्मचारी राष्ट्रव्यापी आंदोलन पर जाने को मजबूर होंगे।