Palwal/Alive News: उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि हरियाणा राज्य के गिरते भूजल को बचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस वर्ष भी फसल विविधिकरण योजना मेरा पानी-मेरी विरासत को लागू रखने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना गत वर्ष लागू की गई थी तथा लगभग एक लाख एकड़ धान की फसल का वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण के अंतर्गत दो लाख एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है।
यह योजना पूरे राज्य में लागू होगी और इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों जैसे कपास, मक्का, दलहन, मूंगफली, तिल, ग्वार, अरण्ड, सब्जियां व फल की बिजाई करनी होगी, जिसके फलस्वरूप प्रति एकड़ 7 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के अनुसार इस योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण किया था तथा चालू खरीफ सीजन में भी यदि वे उस क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत जो किसान पिछले वर्ष धान बिजित क्षेत्र में चारे की फसल लेते हैं व अपने खेत को खाली रखते हैं। उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत सभी वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। इस फसल विविधिकरण योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी विभाग द्वारा करवाया जाएगा, जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि से की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना को क्रियान्वित करने एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने तथा तकनीकी जानकारी हेतु किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसलें बिजाई करने के लिए पूर्ण जानकारी दी जाएगी। कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की आधुनिक तकनीक से बिजाई करने में अच्छी पैदावार लेने के लिए प्रदर्शन प्लॉट भी आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर आगामी 25 जून 2021 तक पंजीकरण करना होगा।