Lifestyle/Alive News:उत्तर भारत में दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसी ठंड की घर से बाहर निकलने का ही दिल नहीं करता और आने वाले कुछ दिनों तक ऐसी ही जबरदस्त ठंड पड़ने के आसार है। इस तरह की ठंड से अगर आपने खुद को महफूज नहीं रखा, तो न सिर्फ सर्दी-खांसी बल्कि जोड़ों का दर्द, निमोनिया, फ्लू, सांस से जुड़ी बीमारियां, गठिया, लो बीपी जैसी कई समस्याएं परेशान कर सकती हैं। बच्चों और बूढ़े लोगों को तो और भी ज्यादा केयर की जरूरत होती है। किन चीज़ों का ध्यान रखकर कड़ाके की ठंड में भी बने रह सकते हैं स्वस्थ, आइए जानते हैं।
सर्दियों में बहुत सुबह टहलने न जाएं। धूप निकलने के बाद ही सैर पर निकलें। मास्क लगाकर टहलें। इससे पॉल्यूशन और ठंड हवा दोनों से बचाव होगा।
हार्ट, बीपी और शुगर के मरीजों की परेशानी सर्दियों में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है इसकी वजह है फिजिकल एक्टिविटी की कमी। बेशक इस मौसम में फिजिकल एक्टिविटी करने में बहुत आलस आता है, लेकिन लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है, तो थोड़ी देर ही सही, लेकिन कोई न कोई एक्सरसाइज जरूर करें।
सर्दियों में प्यास कम लगती है, जिस वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और शरीर में पानी की कमी मतलब कई सारी प्रॉब्लम्स शुरू होना, तो इस मौसम में भी पानी के इनटेक का ध्यान रखें। ठंडे के जगह गुनगुना पानी पिएं। साथ ही अगर यूरिन कम हो रहा है या बहुत ज्यादा गाढ़ा और पीला नजर आ रहा है, तो डॉक्टर से मिलें।
इस मौसम में शरीर का हाजमा कम हो जाता है, तो इसे दुरुस्त रखने के लिए ज्यादा तेल-मसाले वाले खाना न खाएं। इनमें पेट गड़बड़ होने के साथ ही मोटापा भी बढ़ता है।
सर्दियों के मौसम में दर्द बढ़ने की सबसे बड़ी वजह शरीर को सही से कवर नहीं करना होता है। इससे बचे रहने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें खासतौर से कान, सिर और पैर को।