Education/ Alive News: आज भी देखा जाए तो दुनियाभर में आधे से ज्यादा बच्चे स्कूली शिक्षा को प्राप्त नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से उन्हें सही और गलत का फर्क समझ नहीं आ रहा है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा से वंचित बच्चो की संख्या में 60 लाख की बढ़ोतरी हुई है। जिसके साथ ही स्कूली शिक्षा से वंचित बच्चों की संख्या 25 करोड़ हो गयी है।
इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने अपनी नई रिपोर्ट ‘एसडीजी मिडटर्म प्रोग्रेस रिव्यु’ में जानकारी दी है कि 2021 से अब तक स्कूली शिक्षा से वंचित बच्चों की संख्या कम होने की जगह बढ़ रही है और यह आंकड़ा पिछले दो वर्षों में 60 लाख की बढ़ोतरी के साथ 25 करोड़ पर पहुंच गया है।
गरीबी सबसे बड़ी वजह
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्तर पर घरेलू संपत्ति, माताओं की शिक्षा का स्तर और भौगोलिक स्थिति पूर्व प्राथमिक शिक्षा में बच्चों की उपस्थिति के लिए प्रमुख निर्धारकों में से हैं। हालांकि गरीबी एकमात्र सबसे बड़ा निर्धारण कारक है। 64 देशों में सबसे गरीब बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रमों में भाग लेने की संभावना अमीर परिवारों के बच्चों की तुलना में सात गुना कम है। कुछ देशों के लिए अमीर-गरीब का विभाजन और भी अधिक दुखदायी है।
शिक्षित माताओं के बच्चे ज्यादा पहुंच रहे स्कूल
आंकड़ों के अनुसार माध्यमिक शिक्षा और उससे अधिक शिक्षित माताओं से जन्मे बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना उन बच्चों की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है, जिनकी माताओं ने केवल शुरुआती शिक्षा पूरी की है।
यूक्रेन में 60 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर
संघर्ष या आपदा से प्रभावित 33 देशों में रहने वाले पूर्व प्राथमिक आयु के दो तिहाई से अधिक बच्चे नामांकित नहीं हैं। ऐसे देशों में या तो स्कूल भवन नष्ट हो चुके हैं अथवा बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। यूक्रेन में इस समय लगभग 60 लाख बच्चों का स्कूली भविष्य अनिश्चितताओं से भरा हुआ है।
अफ्रीका और दक्षिण एशिया में हालात बेहद खराब
रिपोर्ट में सब सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया की स्थिति इतनी बुरी हैं कि बच्चों को स्कूल जाने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। नतीजन प्राइमरी स्कूल की उम्र के करीब 20% और अपर सेकेंडरी स्कूल जाने योग्य 60% बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सब सहारा अफ्रीका में अब भी 9.8 करोड़ बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हैं। मध्य और दक्षिण एशिया में स्कूली शिक्षा से दूर बच्चों का आंकड़ा करीब साढ़े आठ करोड़ है।
पहुंच से दूर होते लक्ष्य
इस बारे में यूनेस्को की महानिदेशिका ऑड्रे अजूले का कहना है कि इन परिणामों को देखकर लगता है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक सबके लिए बेहतर शिक्षा का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे हासिल करने पर जोखिम गहराता जा रहा है। ऐसे में शिक्षा को अन्तरराष्ट्रीय एजेंडा में सबसे ऊपर रखने के लिए वैश्विक सक्रियता की जरूरत है।