May 10, 2024

सिविल अस्पताल में क्यों नहीं मिलती दवाइयां, स्वास्थ विभाग दे जवाब

Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad:
फरीदाबाद के सबसे एकमात्र सिविल अस्पताल में इन दिनों मरीजों को दवाइयों के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है क्योंकि अस्पताल परिसर में गरीब लोगों को इलाज तो मिल रहा है लेकिन दवाइयां नहीं मिल रहीं। दवाइयों का टोटा नागरिक अस्पताल में कोई नई बात नहीं है यह सिलसिला तो सालों से चला आ रहा है। नि:शुल्क दवा के नाम पर भोले-भाले लोगों को मात्र बरगलाया जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल परिसर में सस्ती दवाइयां तो मरीजों को मुहैया कराई जाती है, लेकिन महंगी दवाइयां नहीं दी जाती है। आपको बता दें कि हर जगह की तरह यहां भी कमीशन खोरी का खेल जारी है। डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान जो दवाइयां मरीजों को लिखते हैं वह अस्पताल के मडिकल स्टोर पर नही मिलती उन्हें बाहर केमिस्ट से लेने को कहा जाता है। दवाइयां ना मिलने के कारण लोग काफी परेशान है. एक तरफ तो सरकार नि:शुल्क इलाज का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ लोगों को दवाइयां ना मिलना अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।

जनवरी, 2012 में प्रदेश में मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि हर मरीज को नि:शुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जा सके। कुछ वर्षो तक स्थिति ठीक रही, मगर अब काफी समय से मरीजों को बाहर से ही दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। एक तरफ तो हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग दावा करता रहा है कि हर बीमारी का इलाज सरकारी अस्पतालों में मौजूद है, लोगों को पर्याप्त दवाइयां मिलेंगी, लेकिन सस्ती दवाइयों को छोड़कर बाकी दवाइयां कहां जाती हैं इस सवाल का जवाब कौन देगा ?

अगर गरीब लोग महंगी दवाइयों को खरीदने में इतने ही समर्थ होते तो सरकारी अस्पताल में आकर घंटों लंबी-लंबी लाइने लगाकर ओपीडी में डॉक्टर का इंतजार नहीं कर रहे होते। वह आराम से निजी अस्पताल में एसी की हवा में बैठकर अपना इलाज करा सकते थे, लेकिन उनकी मजबूरी उन्हें नागरिक अस्पताल में लेकर आती है जिसका यहां के कर्मचारी और डॉक्टर मिलकर भरपूर फायदा उठा रहे हैं।

क्या कहते हैं मरीज़
मैं बुखार से पीड़ित अपने बच्चे को लेकर अस्पताल आई थी। डॉक्टर ने जांच की, दवा भी लिखा था, मगर अस्पताल में दवा ही नहीं है। कहा गया कि बाहर से ही दवा खरीद लो।
-पूनम देवी, हरकेश नगर।

मेरी बेटी बहुत कमजोर है। बादशाह खान अस्पताल में इलाज के लिए मैं अपनी बेटी को लेकर आई थीं। डॉक्टर ने जो दवाई लिखी है वह अस्पताल के मेडिकल स्टोर में नही मिली। स्टोर संचालक ने बाहर से दवाई लेने के लिए कहा है।

-शोभा, राहुल कॉलोनी।

क्या कहना हैं सोशल एक्टिविस्ट और फार्मेसिस्ट का
मरीजों को अगर अस्पताल में दवाइयां नहीं मिल रही है तो इसके जिम्मेदार फार्मेसिस्ट डिपार्टमेंट नहीं बल्कि डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग है। सीजन के हिसाब से डॉक्टरों को पता होता है कि किस तरह के मरीज उनके पास आ रहे हैं और किस बीमारी के अधिक मरीज आ रहे हैं जिस हिसाब से वह मैनेजमेंट में दवाइयों की डिमांड करेंगे फिर उसी हिसाब से फार्मेसिस्ट डिपार्टमेंट में दवाइयां परचेज की जाएंगी।
-दीपक त्रिपाठी, सोशल एक्टिविस्ट एवं फार्मेसिस्ट।