May 3, 2024

यूनिवर्सल अस्पताल ने आयुष्मान भारत के मरीज का एंडोवेसक्यूलर तकनीक से किया ऑपरेशन

Faridabad/Alive News: हृदय की 15 साल पहले ओपन हार्ट सर्जरी के बाद दिल में भयंकर दर्द से पीड़ित एक मरीज की यूनिवर्सल अस्पताल ने एंडोवेसक्यूलर रिपेयर तकनीक से सफल ऑपरेशन कर जान बचाई है।
अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेश जैन ने बताया कि मोहम्मद शफी जो सोनीपत का रहने वाला है। मोहम्मद शफी की 15 साल पहले ओपन हार्ट सर्जरी की थी। लेकिन अब छाती में भयंकर दर्द के कारण परेशान था।

मरीज की जब जांच की गई तो पाया कि उसकी जो बाइपास सर्जरी की गई थी वह तो सही काम कर रही थी लेकिन एक महाधमनी जो हृदय से शुरू होकर पूरे शरीर को रक्त की आपूर्ति करती है, जिसका अमूमन आकार लगभग तीन सेंटीमीटर होती है वह बढक़र साढ़े आठ सेंटीमीटर हो गई है, जो कभी भी फट सकती थी। मरीज ने अपनी बीमारी को लेकर कई अस्पतालों में सलाह-मशविरा किया तथा दिल्ली के एम्स और सफदरजंग अस्पतालों में भी गया, जहां उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई। जिसमें करीब 30 फीसदी जान जाने की आशंका थी तथा 12 बोतल रक्त की आवश्यकता थी।

इसके बाद मरीज ने यूनिवर्सल अस्पताल में आकर डॉक्टर शैलेश जैन से मिला। डॉ. शैलेश जैन, डॉ. रहमान व डॉ. संजीव दिवाकर की टीम ने विचार-विमर्श कर यह निष्कर्ष निकाला कि मरीज का ऑपरेशन एक आधुनिक तकनीक जिसको एंडोवेसक्यूलर रिपेयर कहा जाता है, जिसमें जांघ के पास एक छोटा-सा चीरा लगाकर कैमरे के माध्यम से एक स्टंट को जहां पर रक्त वाहिनी सूजी हुई है, वहां पर ले जाकर फुलाया जाता है और उसे सामान्य आकार में किया जाता है।

ओटिक प्रन्युरिज्म जो महाधमनी के किसी भी हिस्से में जो सकता है और कई बार यह देखा गया है कि इसमें मरीज को इतना वक्त भी नहीं मिलता कि वह अस्पताल तक पहुंच जाए, क्योंकि इसमें खून का धक्का बन जाता है तथा धक्का टूटकर या तो दिमाग की रक्तवाहिनी या हृदय रक्तवाहिनी में चला जाता है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। ऑपरेशन के दौरान डॉ. शैलेश जैन के साथ टीम में डॉ. रहमान, डॉ. पवन, डॉ. राहुल, डॉ. ललित रहे।