April 27, 2024

सरकारी बैंको के डेढ़ लाख कर्मियों के होंगे तबादले

New Delhi/Alive News : पीएनबी में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद सरकारी बैंकों के करीब डेढ़ लाख अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले जल्द होंगे। दरअसल केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिसंबर में दिए निर्देश को बैंक पीएनबी घोटाले की पृष्ठभूमि में जल्द से जल्द लागू करने की कवायद कर रहे हैं।

CVC ने तीन साल या उससे अधिक समय से एक ही पद और एक ही शाखा में तैनात अधिकारियों और पांच साल से एक ही शाखा में तैनात कर्मचारियों का तबादला करने का निर्देश गत वर्ष के अंत में जारी किया था। लेकिन पीएनबी घोटाले के बाद वित्त मंत्रालय ने इसे जल्द लागू करने का निर्देश दिया है। हाल ही में वित्त मंत्रालय और पीएनबी बैंक के अधिकारी सीवीसी से मिले थे जिन्हें अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण के मुद्दे पर लापरवाही बरतने को लेकर फटकार पड़ी थी।

बैंकिंग विभाग के सूत्रों के मुताबिक सीवीसी के निर्देशों के अनुपालन के लिए सभी बैंक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची को अंतिम रूप दे रहे हैं, जो लंबे समय से एक ही शाखा में जमे हुए हैं। कुछ बैंकों ने अंतरिम सूची जारी भी कर दी है। इनमें बैंक ऑफ इंडिया समेत अन्य शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक सभी सार्वजनिक बैंकों के डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारी तबादले के नियम के दायरे में है।

सीवीसी की फटकार के बाद बढ़ी सक्रियता
सूत्र बताते हैं कि पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद सीवीसी ने वित्त मंत्रालय से पूछा था कि उसके निर्देशों के मुताबिक बैंकों ने तबादला नीति को सख्ती से लागू किया या नहीं। तब मंत्रालय के अधिकारियों ने बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को फरमान जारी कर तत्काल सीवीसी के निर्देशों का अनुपालन करने का दबाव डाला।

विशेषज्ञ कर्मियों को राहत
सूत्रों के मुताबिक बैंक फिलहाल विशेषज्ञ के तौर पर करने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं करेंगे। इसकी वजह वित्तवर्ष का अंत होने से बैंकों में काम का बोझ है।

आरोपी कर्मियों से सबक
पीएनबी घोटाले में सामने आए मुख्य आरोपी गोकुलनाथ शेट्टी सात साल से एक ही पद पर कार्यरत था। इसी तरह क्लर्क मनोज खरात भी तय समय से ज्यादा वक्त तक उसी जगह पर काम कर रहा था। बैंकिंग मामलों के विशेषज्ञ अतुल सिंह ने कहा, ‘एक ही जगह या पद पर ज्यादा समय तक काम करने से घपले की आशंका बढ़ जाती है। कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर बैंक के लिए अन्य तरीके से नुकसान का कारण बन सकता है।’