November 17, 2024

आज है बुराई पर व‍िजय का पर्व दशहरा, जानिए किन कारणों से नवरात्रि के बाद मनाई जाती है विजयदशमी

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को आज पूरे देश में दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है। सत्य की असत्य पर जीत के इस पर्व को विजयादशमी भी कहते हैं। इसके अलावा यह पर्व वर्षा ऋतु की समाप्ति व शरद के प्रारंभ होने की सूचना भी देता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया था। मान्यता ये भी है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का इसी दिन वध किया था। दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिषासुर नामक एक राक्षस था जिसे ब्रह्मा से आशीर्वाद मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकता है। इस आशीर्वाद के कारण उसने तीनों लोक में हाहाकार मचा रखा था। इसके बढ़ते पापों को रोकने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्ति को मिलाकर मां दुर्गा का सृजन किया। मां दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर का मुकाबला किया और दसवे दिन मां दुर्गा ने इस असुर का वध कर किया, जिसके फलस्वरूप लोगों को इस राक्षस से मुक्ति मिल गई और चारों तरफ हर्ष का मौहाल हो गाया, क्योंकि मां दुर्गा को दसवें दिन विजय प्राप्त हुई थी। इस कारण इस दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा।

दशहरा का महत्व

भगवान राम ने मां सीता का हरण करने वाले लंका के राजा रावण का वध आश्विन शुक्ल दशमी को किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार भीषण युद्ध के बाद दशमी को रावण का वध हुआ और श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त की, इसलिए इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रुप में मनाया जाता है। वहीं मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया। इस वजह से भी उस दिन को विजयादशमी के रुप में मनाया जाने लगा। ये दोनों ही घटनाएं बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक हैं।