May 19, 2024

महाभारत काल का परसोन मंदिर वर्षो से जोह रहा है सड़क निर्माण की बाट

Faridabad/Alive News : हरियाणा सरकार द्वारा हमेशा से पर्यटन स्थलों का विकास करने, उनका आकर्षण बढ़ाने और वहां पर आने वाले लोगों को सुविधाएं देने के उद्देश्य से उबड़-खाबड़ रास्तों और जंगलों व पहाड़ों में भी सड़कें बनाकर आवागमन की सुविधा तो प्रदान कर दी जाती है। परंतु ऐसे ही क्षेत्रों में पड़ने वाले किसी धार्मिक स्थल अथवा प्राचीन मंदिर को किसी प्रकार की तवज्जो नहीं दी जाती है।

ऐसा ही उदाहरण गांव अनखीर की पहाड़ियों में बड़खल झील से पश्चिम की ओर स्थित परसोन मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास लगभग महाभारत काल का है जो कि लगभग 5 हजार वर्षों से भी अधिक पुराना है। अनखीर गांव की अरावली पहाड़ी की वादियो मे सुंदर घाटी के बीच मे परसोन मंदिर का दृश्य बहुत ही मनोरम है। कहा जाता है कि महाभारत काल के दौरान यहां पर पाराशर ऋषि ने तपस्या की थी तो उन्हीं के नाम पर इस तपोस्थली का नाम परसोन पड़ा था। यहां पर पत्थरों के बीच में पानी का कुदरती स्रोत है जो आज तक भी यथावत है।

उसी से कुंड में पानी आता रहता है और हमेशा जो भी श्रद्धालु इस मंदिर मे आते हैं वे इस कुंड में स्नान करके मंदिर में पूजा अर्चना करते है और साधु से आशीर्वाद व प्रसाद ग्रहण करते हैं । वैसे तो हर महीने की अमावस्या के दिन यहां पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है लेकिन इसके अलावा आम दिनों में भी और रविवार या अन्य छुट्टी के दिन भी लोग यहां पर स्नान करने आते हैं और मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। गांव अनखीर के अलावा आसपास के गांवों, ओल्ड फरीदाबाद शहर, बल्लभगढ़ शहर सहित पूरे प्रदेश के अन्य क्षेत्रों व अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालुओं का यहा पर तांता लगा रहता है।

जोकि पूरी श्रद्धा के साथ परसोन कुंड में स्नान करते हैं पूजा अर्चना करते हैं और यहां पर मंदिर के महंत से आशीर्वाद लेते हैं। लोगों की अटूट आस्था है कि यहां पर आने से उनकी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस मंदिर का रास्ता बड़खल झील के ग्रे फाल्कन रेस्टोरेंट् वाली सड़क से केवल लगभग डेढ़ किलोमीटर का है। यह रास्ता आज तक भी पहाड़ी के बीच पुरानी जर्जर हालत मे पड़ा हुआ है और निर्माण की बाट जोह रहा है। परसोन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार व टेंपो आदि जैसी जरूरी छोटी-छोटी गाड़ियां आसानी से नहीं आ जा सकती है और लोगों को आने जाने में बहुत ही परेशानी होती है ।

सरकार को सोचना चाहिए कि इस प्राचीन मंदिर का मान- सम्मान व श्रद्धालुओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए इस सड़क को पक्की सीमेंटिड बनवा दे, ताकि श्रद्धालुओं की परेशानी का निवारण होने के साथ-साथ इस प्राचीनतम परसोन मन्दिर की ख्याति व गौरव और अधिक दूर-दूर तक फैलने के साथ-साथ इसका मान-सम्मान भी और अधिक बढ सके।