Ballabhgarh/Alive News : एसडीएम अपराजिता ने कहा कि प्रशासन रेमडेसिविर की ब्लैक मार्किटिंग को पूरी तरह समाप्त करना चाहता है। ताकि जरूरतमन्द लोगों को समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल सके और उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए इधर- उधर भटकना ना पड़ें।
उन्होंने कहा कि ब्लैक मार्किटिंग में यदि कोई अस्पताल या डॉक्टर शामिल पाया गया तो प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगा। एसडीएम कम नोडल अधिकारी अपराजिता ने कहा कि जिले का कोई भी अस्पताल मरीज को बाहर से रेमडेसिविर इंजेक्शन या दवाई लेने के लिए नहीं बोल सकता और अस्पताल मरीजों को ऊंचे दामों पर दवाई खरीदने के लिए मजबूर भी नहीं कर सकता।
एसडीएम अपराजिता ने कहा कि जिस मरीज के नाम पर प्रशासन रेमडेसिविर मेडिसिन का आंवटन करेगा, अस्पताल उसी मरीज को वह डोज देगा। यदि प्रशासन के संज्ञान में आता है कि किसी भी डॉक्टर ने रेमडेसिविर मेडिसिन का गलत प्रयोग करने के लिए जरूरत से ज्यादा वायल्स रिक्मण्ड की है या फिर उन वायल्स की ब्लैक मार्किटिंग करने की कोशिश की है तो उस अस्पताल और डॉक्टर का लाईसैंस कैंसिलेशन के लिए नेशनल मैडिकल कॉउसिल को तुरंत भेज दिया जाएगा।
एसडीएम अपराजिता ने कहा कि यदि डॉक्टर ने कोविड-19 के मरीज को रेमडेसिविर लेने की सलाह दी है तो मरीज उपचार करने वाले डॉक्टर से या अस्पताल के मैडिकल सुपरीटेन्डेन्ट से अपना रेक्यूजिशन फार्म भरने के लिए कहेगा। अस्पताल द्वारा मरीज का कोविड-19 का फॉर्म भरते ही रेमडेसिविर की डोज के लिए प्रशासन को तुरन्त रिक्वेस्ट मिल जाएगी और अगले दिन प्रशासन द्वारा अस्पताल में रेमेडेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध करवाया जायेगा ।
एसडीएम अपराजिता ने आम जन से अपील करते हुए कहा कि जनता अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहे और रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए किसी को भटकना नहीं पडेगा। उनको जैसे ही रेमेडेसिविर का इंजेक्शन उनका डॉक्टर प्रिस्क्राइब/सलाह करता है। उनको अपने डॉक्टर को कहना है कि प्रशासन को ऑनलाईन रेक्यूजिशन फार्म रेज उपलब्ध करवाएं। ताकि प्रशासन एडिक्वेट् डोज उक्त मरीज के नाम पर उस अस्पताल को उपलब्ध करवा सके।