April 26, 2024

उपायुक्त ने अधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक में दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

Palwal/Alive News: जिला अधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक में नदारद रहे अधिकारियों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए उपायुक्त कृष्ण कुमार ने कड़े निर्देश दिए कि विभागाध्यक्ष पूर्ण तैयारी के साथ स्वयं बैठक में हिस्सा लें। अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को बैठक में न भेजें। बिना अनुमति के बैठक से गैर-हाजिर रहने तथा निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त कृष्ण कुमार बुधवार को लघु सचिवालय में आयोजित जिला अधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विस्तार से विभिन्न विभागीय योजनाओं की गंभीरता से समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। विशेष रूप से उन्होंने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के संदर्भ में कहा कि यह सरकार का सर्वाधिक प्राथमिकता वाला फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जिसमें किसी भी प्रकार की ढ़िलाई और लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। योजना के तहत लाभपात्रों की वैरिफिकेशन गंभीरता व ईमानदारी के साथ की जाए।

जोनल कमेटी के अधिकारी स्वयं निजी तौर पर जांच करें। इसके साथ ही उन्होंने परिवार पहचान पत्र बनाने के कार्य को भी तीव्र गति प्रदान कर पूण्र करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत पोषण के जरूरतमंद बच्चों की सूची तुरंत प्रभाव से प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, आपकी बेटी हमारी बेटी तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि कोई आवेदन लंबित नहीं रहना चाहिए।

उपायुक्त कृष्ण कुमार ने खेल विभाग के तहत खेल स्टेडियम निर्माण इत्यादि की भी समीक्षा की। उन्होंने पृथला, खेडला व मंडकौला और बंचारी के खेल स्टेडियमों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए इनको मनरेगा के तहत टेक अप करने के निर्देश दिए। उन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मेरा पानी मेरी विरासत, स्वच्छ भारत मिशन, सांसद निधि योजना, नेशनल रूरल हैल्थ मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना, विधायक आदर्श ग्राम योजना इत्यादि की भी विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

यह योजना भविष्य को सुखद बनाने में कारगर सिद्घ होगी। वर्तमान में भी इसकी अत्यधिक उपयोगिता है। साथ ही उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल और हर नल में जल को सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान उपायुक्त ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुख्यालय अथवा आला अधिकारियों और जिला प्रशासन की ओर से पूछ जाने वाले सवालों का तुरंत प्रभाव से जवाब दें। किसी भी सूरत में रिमाइंडर की आवश्यकता न पड़े।