April 19, 2024

राज्यों ने पोर्टल पर अपलोड की कोरोना प्रभावित और अनाथ बच्चों की जानकारी

Lucknow/Alive News : कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित और अनाथ होने वाले बच्चों की मदद का जिम्मा केंद्र सरकार ने लिया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने बाल स्वराज पोर्टल पर राज्यों से अपलोड करने को कहा था। जिसके तहत राज्यों द्वारा 9,346 बच्चों की जानकारी पोर्टल पर दी है। जिसमे वर्ष 2020 से लेकर मई 2021 तक कोरोना आपदा के कारण अनाथ और प्रभावित हुए बच्चों का डाटा राज्यों द्वारा अपलोड किया गया हैं।

मिली जानकारी के अनुसार इसमें सबसे ज्यादा 8 से 13 साल के बच्चे शामिल हैं। जो कोरोना महामारी से प्रभावित हुए है। इनकी संख्या 3,711 है। इस क्रम में 14 से 16 साल के 1,620, 16 से 17 साल के 1,712 बच्चे, चार से सात साल के बीच 1,515 बच्चे और तीन साल तक के लगभग 788 बच्चे प्रभावित हुए हैं।

राज्यों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा अनाथ बच्चे मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में हैं। मध्यप्रदेश में देश में सबसे ज्यादा 318 बच्चे अनाथ हुए, 104 बच्चे पूरी तरह से बेसहारा हो गए हैं, और कुल 712 बच्चे प्रभावित हुए। यूपी में बीते साल मार्च से इस साल 29 मई तक 2110 बच्चे महामारी की मार से प्रभावित हुए, इसमें 270 बच्चे अनाथ हुए, उनके दोनों अभिभावकों की मृत्यु हुई, 10 बच्चों को उनके माता-पिता ने त्याग दिया, 1830 बच्चों के एक अभिभावक की मृत्यु हुई। बिहार में कुल 1,327 बच्चे प्रभावित हुए हैं, इसमें 1,035 ने एक अभिभावक और 292 ने दोनों अभिभावकों को खो दिया है।

हरियाणा में 776 बच्चे तो हिमाचल में 473 बच्चे प्रभावित
हरियाणा में कुल प्रभावित बच्चों की संख्या 776 है, इसमें से 732 ने अपने एक अभिभावक को खोया है, 44 बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए। हिमाचल प्रदेश में कुल प्रभावित 473 हैं, इसमें से 89 अनाथ हैं, 473 ने अपने माता या पिता में से एक को खो दिया है।

हालांकि, इन बच्चों की मदद के लिए केंद्र सरकार और तमाम राज्यों सरकारों ने कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की हैं और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अनाथ हो चुके बच्चों की मदद के लिए सरकारें आगे आईं हैं। कुछ राज्य सरकारों ने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पहले ही अपने स्तर पर वित्तीय मदद और सुविधाओं की घोषणा की थी। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक अब सभी राज्यों में बच्चों की मदद के लिए कदम उठाए गए हैं। वहीं केंद्र सरकार ने भी ऐसे बच्चों की मदद के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। साथ ही बच्चों को मौद्रिक सहायता और विभिन्न सुविधाएं देने का वादा किया है।