November 16, 2024

सर्वपितृ अमावस्या आज, पितरों की विदाई के लिए जानें सही समय, जरूर पढ़ें ये मंत्र, हर इच्छा होगी पूरी

New Delhi/Alive News : सर्वपितृ अमावस्या पर आज 11 साल बाद गज छाया योग बन रहा है. इस दिन कुछ विशेष उपाय करके पितरा ऋण, पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है. ज्योतिर्विद ने बताया कि अश्विन कृष्ण अमावस्या पर सर्वपितृ श्राद्ध मनाए जाने का विधान है. हर एक के लिए श्राद्ध निहित है. अमावस्या एक अहम काल होता है, जिसमें पितृगणों के लिए श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान किया जाता है. इसे पितृ विसर्जनी, सर्वपितृ अमावस्या या महालय विसर्जन भी कहते हैं.

ये काम न करें
ज्योतिर्विद कमलनंद लाल ने बताया कि सर्वपितृ अमावस्या पितरों को विदा करने का अंतिम दिन है. 16 दिन तक पितृगण घर में विराजते हैं और हम उनकी सेवा करते हैं. सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी भूले बिछड़े पितरों का श्राद्ध करके उनसे आशीर्वाद की कामना करते हैं. उन्होंने बताया कि पूर्ण संज्ञक अमावस्या तिथि के स्वामी पितृगण हैं, इस दिन मदिरापान करना वर्जित माना गया है.

मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये उपाय
ज्योतिर्विद कमलनंद लाल ने बताया कि पितृ अमावस्या पर भगवान विष्णु के हंस स्वरूप की पूजा का विधान है और गीता के शोडष अध्याय का पाठ किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध, तर्पण करने से हर मनोकामना पूरी होती है.

इस तरह बनता है गजछाया योग
पितृपक्ष के दौरान जब भी गजछाया योग बनता है, तो इसे श्राद्ध और अनुष्ठान में दान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. ज्योतिर्विद ने बताया कि सूर्य साल में एक बार हस्त नक्षत्र में गोचर करता है. और अधिकतर पितृपक्ष के दौरान गोचर करता है. जब सूर्य व चंद्रमा दोनों हस्त नक्षत्र में आ जाएं और अमावस्या ​की तिथि पड़ जाए, तो ये गजछाया योग बनता है.

शुभ समय व उपाय
आज श्राद्ध, तर्पण के लिए शुभ समय दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस समय में भगवान विष्णु के हंस अवतार के चित्र पर नवधान चढ़ाएं और नवधान का चढ़ावा पितरों को चढ़ाकर पक्षियों को डाल दें. इससे सर्व मनोकामना पूर्ण होती है और पारिवारिक जीवन में सुख समृद्धि, धन वैभव आता है. इस दौरान विष्णु जी के एक विशेष मंत्र का जाप भी करें.

ये है मंत्र
ऊं परमहंसाय विद्महे महाहंसाय धीमहि, तन्नो हंस: प्रचोदयात्!!