May 3, 2024

नियम 134-ए के छात्रों को स्कूल अलॉट होने के बाद भी नहीं मिला दाखिला

Faridabad/Alive News : नियम 134-ए के दाखिलों पर हरियाणा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों में गरीब परिवार के बच्चो के दाखिले के लिए स्कूल अलॉटमेंट की लिस्ट 15 दिसंबर को रात 9 बजे जारी कर दिया। विद्यार्थी काफी समय से इस लिस्ट के इंतजार में थे, परन्तु शिक्षा विभाग कुम्भकर्ण रूपी नींद में सोया हुआ था। जिसके बाद कैलाश चंद एड्वोकेट ने शिक्षा विभाग निदेशालय को स्कूल अलॉटमेंट की लिस्ट को लेकर एक पत्र लिखा था, पत्र लिखने के मात्र 4 घण्टे बाद ही हरियाणा शिक्षा विभाग 15 दिसंबर की रात 9 बजे 3398 पन्नो की एक लिस्ट जारी की। जिसमें 40,000 बच्चो को स्कूल अलॉट करने ली लिस्ट भी शामिल थी।

कैलाश चंद एड्वोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के 7382 निजी स्कूलों में 66495 बच्चो के दाखिलों हेतु आवेदन आए हुए थे, जिस पर स्कूल अलॉट होने के लिये दिनाक 15 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गयी थी, जो कि लिस्ट रात 9 बजे जारी तो कर दी, परन्तु कुछ बच्चे तो 55% कम लेने वालों को पहले ही लिस्ट से बाहर कर दिया गया था, कुछ बच्चो के नियम 134 पर मेरिट में नही आने के कारण काफी बच्चो के नाम लिस्ट में नही आये, उसके बाद जो बच्चे मेरिट में आये थे उनके लिये कल लिस्ट जारी की गई, जबकि पूरे प्रदेश में निजी स्कूलों में 2 लाख से ज्यादा नियम 134-ए के लिये रिक्त सीटे थी, परन्तु शिक्षा विभाग की लेट लतीफी के कारण बच्चे और गरीब अभिभावक परेशान हो रहे थे।

लिस्ट जारी होने के उपरांत आज सुबह से काफी अभिभावक अपने बच्चो के दाखिलों के लिए अलॉट किए हुए स्कूलो में पहुंचे, परन्तु उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया, जब उन्हें निराश होकर स्कूलो से लौटना पड़ा, क्योकि निजी स्कूलो ने दाखिला देने से मना कर दिया, कुछ स्कूलो ने कहा कि एनुअल चार्ज और डेवलोपमेन्ट खर्चे देने होंगे कुछ स्कूलों ने कुछ बहाने बनाकर इन बच्चों के दाखिलों के लिए मना कर दिया जो कि निजी स्कूलों की मनमर्जी के लूट के अलग अलग तरीके अपनाए, कुछ ने दाखिले के लिए साफ मना कर दिया कुछ ने कोई और बहाने बनाए, जिस कारण आमजन निराश होकर लौटे, अपनी समस्या के समाधान के लिए फरियाद लेकर कुछ अभिभावक कैलाश चंद एड्वोकेट के पास पहुंचे, जिस पर उनकी समस्या की दरखास्त कैलाश चंद द्वारा निदेशालय को भिजवाने में आमजन का सहयोग किया, कैलाश चंद एड्वोकेट द्वारा बताया गया कि किसी भी बच्चें को दाखिला से वंचित नही रहने देंगे, उनके हकों के लिए वह आखरी समय तक लड़ते रहेंगे।