March 29, 2024

गुरु तेग बहादुर के त्याग और बलिदान को याद किया

Faridabad/Alive News: राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद के सबसे छोटे पुत्र थे। गुरु हरगोबिंद की एक बेटी, बीबी वीरो और पांच बेटे थे।

बाबा गुरदित्त, सूरज मल, अनी राय, अटल राय और त्याग मल का जन्म एक अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ था। मुगलों के विरुद्ध लड़ाई में अपनी वीरता दिखाने के बाद उन्हें गुरु हरगोबिंद द्वारा दिए गए पद तेग बहादुर के नाम से जाना जाने लगा। गुरु तेग बहादुर को सिख संस्कृति में लाया गया था और उन्हें तीरंदाजी और घुड़सवारी में प्रशिक्षित किया गया था । उन्हें वेद, उपनिषद और पुराण जैसे पुराने क्लासिक्स भी सिखाए गए थे।

तेग बहादुर का विवाह 3 फरवरी 1632 को माता गुजरी के साथ हुआ था। प्राचार्य मनचंदा और कॉर्डिनेटर डॉक्टर जसनीत ने कहा कि गुरु तेग बहादुर को धर्म की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए याद किया जाता है। गुरु तेग बहादुर धर्म की रक्षा करते हुए शहीद हो गए, साथ में साथी भक्त भाई मति दास , भाई सती दास और भाई दयाला की स्मृति में 24 नवंबर को उत्तर भारत में सार्वजनिक अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है।

प्राचार्य मनचंदा ने विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस सदस्य छात्राओं द्वारा गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर निबंध लेखन द्वारा गुरु जी की शिक्षाओं और त्याग को समाज की धरोहर बताते हुए कहा कि गुरु जी के त्याग से हम सभी को अपने धर्म की रक्षा और धर्म पर अडिग रहने की सीख मिलती है। प्राचार्य मनचंदा और कॉर्डिनेटर डॉक्टर जसनीत ने छात्राओं तनु, निशा और प्रियांशी का सुंदर अभिव्यक्ति के अभिनंदन किया।